Vivah Panchami 2025: सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रभु राम और माता सीता से मांगें ये वरदान
News India Live, Digital Desk: जय सिया राम! हमारे देश में शादी-ब्याह को लेकर कितना उत्साह रहता है, ये हम सब जानते हैं। लेकिन, साल का एक दिन ऐसा भी आता है जो दुनिया की सबसे आदर्श जोड़ी यानी भगवान श्रीराम और माता जानकी (सीता) के विवाह उत्सव के नाम होता है। इसे हम 'विवाह पंचमी' के नाम से जानते हैं।
इस साल 2025 में विवाह पंचमी कब पड़ रही है, इस दिन पूजा कैसे करनी चाहिए और सबसे अहम सवाल— कि इतना शुभ दिन होने के बाद भी इस दिन लोग अपनी बेटियों की शादी करने से क्यों कतराते हैं? आइए, इन सब बातों को बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं।
विवाह पंचमी 2025: कब है ये शुभ दिन?
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। साल 2025 में, भक्त इस पवित्र दिन को बड़े ही धूम-धाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। यह दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
महत्व क्या है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन अयोध्या के राजकुमार राम ने मिथिला में शिव जी का धनुष तोड़कर माता सीता का वरण किया था। तुलसीदास जी ने भी रामचरितमानस का समापन इसी दिन किया था, इसलिए रामभक्तों के लिए यह दिन किसी बड़े त्योहार से कम नहीं होता।
पूजा-विधि: घर पर कैसे करें राम-सीता का वंदन?
अगर आप अपने दांपत्य जीवन (मैरिड लाइफ) में खुशियां चाहते हैं, या मनचाहा जीवनसाथी पाने की इच्छा रखते हैं, तो विवाह पंचमी 2025 के दिन यह सरल पूजा विधि अपना सकते हैं:
- स्वच्छता का रखें ध्यान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। कोशिश करें कि पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें।
- मंडप सजाएं: अपने घर के मंदिर में एक छोटी चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान राम और माता सीता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- गठजोड़ है जरूरी: जैसे शादी में गठबंधन होता है, वैसे ही प्रभु राम और माता सीता को मोली (कलावा) या पीले कपड़े से जोड़ें। इसे 'राम-जानकी विवाह' का प्रतीक माना जाता है।
- पाठ और मंत्र: इस दिन 'बालकांड' में लिखे विवाह प्रसंग का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर समय कम हो, तो केवल "ॐ जानकीवल्लभाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
- भोग: प्रसाद में पीले फल, मिठाई या खीर का भोग लगाएं और अंत में आरती करके घर में सुख-शांति की कामना करें।
बड़ा सवाल: विवाह पंचमी पर शादियां क्यों नहीं होतीं?
यह बात सुनकर बहुत लोगों को हैरानी होती है। जिस दिन साक्षात भगवान राम की शादी हुई, उस दिन आम लोग शादी क्यों नहीं करते? खासकर मिथिला और नेपाल के क्षेत्रों में इस नियम को बहुत माना जाता है।
इसके पीछे का कारण 'अंधविश्वास' नहीं बल्कि 'भावना' है। दरअसल, माता सीता का विवाह तो प्रभु राम से हुआ था, लेकिन उनका जीवन बहुत संघर्ष और कष्टों में बीता। महलों की रानी होने के बावजूद उन्हें वनवास झेलना पड़ा और अग्निपरीक्षा देनी पड़ी।
इसीलिए, मिथिलावासी अपनी बेटियों को माता सीता जैसा मानते हैं। वे नहीं चाहते कि उनकी बेटी को भी सीता जी की तरह जीवन में इतने कष्ट उठाने पड़ें। बस यही वो भावुक वजह है जिसके चलते विवाह पंचमी के दिन शादियां टाली जाती हैं।
विवाह पंचमी पर क्या करें और क्या नहीं (Dos and Don'ts)
ये जरूर करें:
- घर में रामायण का पाठ करवाएं, इससे पॉजिटिव एनर्जी आती है।
- सुहागन महिलाएं माता सीता को सिंदूर और चूड़ियां चढ़ाएं, इससे पति की उम्र लंबी होती है।
- गरीबों को अन्न या पीले वस्त्रों का दान करें।
ये बिल्कुल न करें:
- इस दिन तामसिक भोजन (मांस-मदिरा) का सेवन भूलकर भी न करें।
- घर में कलह या झगड़ा न करें, क्योंकि यह प्रेम का उत्सव है।
- अगर आप व्रत रख रहे हैं, तो किसी की बुराई या निंदा करने से बचें।
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