Vitamin-D deficiency: शरीर के लिए अनिवार्य पोषक तत्व

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विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जो हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाने के साथ हड्डियों को स्वस्थ रखता है। इसे ‘सनशाइन विटामिन’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर त्वचा में बनता है। हालांकि, भारत में विटामिन-डी की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है। खराब जीवनशैली, धूप में कम समय बिताना, खानपान में पोषक तत्वों की कमी और कुछ स्वास्थ्य समस्याएं इसके मुख्य कारण हो सकते हैं।

विटामिन-डी की कमी के कारण

1. सूरज की रोशनी में कमी

विटामिन-डी को “सनशाइन विटामिन” कहा जाता है क्योंकि यह सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर त्वचा में बनता है। यदि आप लंबे समय तक घर के अंदर रहते हैं, ऑफिस में काम करते हैं, या ठंडे मौसम में धूप नहीं लेते हैं, तो आपके शरीर में विटामिन-डी का स्तर कम हो सकता है।

2. त्वचा का रंग

गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में अधिक मात्रा में मेलानिन पाया जाता है, जो सूर्य की किरणों को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर देता है। इस कारण से, गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में विटामिन-डी की कमी होने की संभावना अधिक होती है।

3. डाइट में विटामिन-डी की कमी

अगर आपके आहार में विटामिन-डी युक्त खाद्य पदार्थ शामिल नहीं हैं, तो इसकी कमी हो सकती है। मछली, अंडे की जर्दी, दूध और फोर्टिफाइड फूड (fortified food) विटामिन-डी के अच्छे स्रोत हैं। इनका पर्याप्त सेवन न करने से शरीर में इस पोषक तत्व की मात्रा कम हो जाती है।

4. मोटापा

अधिक वजन वाले लोगों में विटामिन-डी शरीर की चर्बी (fat tissues) में फंस जाता है और ब्लड में सही तरह से अवशोषित नहीं हो पाता। इससे शरीर में विटामिन-डी की कमी हो जाती है और इसके स्वास्थ्य लाभ भी कम हो जाते हैं।

5. बढ़ती उम्र का प्रभाव

उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की विटामिन-डी बनाने की क्षमता कम हो जाती है। साथ ही, बुजुर्गों में किडनी और लिवर की कार्यक्षमता भी कमजोर हो जाती है, जिससे विटामिन-डी का सक्रिय रूप में परिवर्तित होना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि उम्रदराज लोगों में इसकी कमी ज्यादा देखी जाती है।

6. कुछ बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं

कुछ विशेष स्वास्थ्य समस्याएं भी शरीर में विटामिन-डी के अवशोषण और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती हैं। जैसे:

  • क्रोहन रोग (Crohn’s Disease)
  • सीलिएक रोग (Celiac Disease)
  • किडनी और लिवर की बीमारियां

इन बीमारियों के कारण शरीर विटामिन-डी को ठीक से उपयोग नहीं कर पाता, जिससे इसकी कमी हो सकती है।

7. सनस्क्रीन का ज्यादा उपयोग

सनस्क्रीन का ज्यादा उपयोग करने से त्वचा तक सूरज की किरणें नहीं पहुंच पातीं, जिससे शरीर में विटामिन-डी का निर्माण प्रभावित होता है। हालांकि, सनस्क्रीन त्वचा को हानिकारक UV किरणों से बचाने में मदद करता है, लेकिन बहुत अधिक इस्तेमाल करने से विटामिन-डी की कमी हो सकती है।