शासन-प्रशासन की चुनौतियों का सामना करने के लिए युवा पेशेवरों का विजन जरूरी : मनोहर लाल

02cde7a2fe83aed19841a79e56d1cb40

चंडीगढ़, 14 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान समय में शासन-प्रशासन के सामने आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए नए युवा पेशेवरों का विजन अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए युवा पेशेवरों के ज्ञान का उपयोग कर शासन को आधुनिक जरूरतों के अनुसार चलाया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि साल 2035 तक देश में बिजली की वर्तमान मांग दोगुनी हो जाएगी और हाउसिंग में 130 करोड जनता को मकान उपलब्ध करवाने होंगे। इन बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए युवा पेशेवरों के विशेष सहयोग की आवश्यकता रहेगी ताकि हम देशभर में नए आयामों को छू सकें।

मनोहर लाल नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में हरियाणा में सुशासन सहयोगी कार्यक्रम (सीएमजीजीए) के 8 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। समारोह में उनके पूर्व सुशासन सहयोगी, हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारी, इस कार्यक्रम के निजी क्षेत्र के भागीदार तथा पिछले 15 महीनों से राज्य में काम करने वाले 22 सुशासन सहयोगी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान मनोहर लाल ने रोहतक में साल 1996 में आई बाढ़ के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि वह हरियाणा में किसी भी ब्यूरोक्रेट को जानते नहीं थे, केवल वर्तमान में चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद को जानता था, जो उस समय रोहतक में उपायुक्त थे, लेकिन मेरे मन में था कि बाढ़ में लोगों की सेवा करनी है तो उस सेवा भाव के साथ मैंने रोहतक में बाढ़ के दौरान प्रशासन के साथ मिलकर कार्य किया और सीखा।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने हरियाणा में मुख्यमंत्री के तौर पर बागडोर संभाली तो हरियाणा को पॉलिसी पैरालिसस का नाम दिया जाता था। सरकारी सिस्टम में नियम-कायदे नहीं चलते थे। इस सिस्टम को ठीक करने के लिए नियम-कायदे से संचालित करने के लिए व्यवस्था बनाने का बीड़ा उठाया, जो समाज हित में हो और देश-प्रदेश हित में हो। इसी तहत के सीएम फेलोशिप कार्यक्रम अर्थात सीएमजीजीए कार्यक्रम शुरू किया गया।

इससे पहले, परियोजना निदेशक व मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि सीएमजीजीए कार्यक्रम के जनक तथा मुख्य वास्तुकार मनोहर लाल रहे हैं। उनकी अगुवाई में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित रहा है। अमित अग्रवाल ने कहा कि पिछले इन 8 सालों में सभी सुशासन सहयोगियों ने जिला प्रशासन, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ बहुत ही करीबी तालमेल रखते हुए कार्य किया है और 660 से अधिक अंतोदय सरल केन्द्रों को खोला गया और 10 करोड से ज्यादा सेवाएं इन सरल केन्द्रों के माध्यम से लोगों को उपलब्ध करवाई गई।