संशोधित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नए टैक्स स्लैब को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा के बीच, एक इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नकल करते हुए एक व्यंग्यात्मक वीडियो शेयर किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसे लाखों लोग देख चुके हैं।
पॉपकॉर्न पर जीएसटी और वायरल वीडियो की वजह
हाल ही में जीएसटी परिषद ने नए टैक्स स्लैब की घोषणा की:
- नमक और मसालों के साथ मिश्रित गैर-ब्रांडेड पॉपकॉर्न पर 5%।
- पूर्व-पैक और ब्रांडेड पॉपकॉर्न पर 12%।
- कारमेल पॉपकॉर्न (चीनी कन्फेक्शनरी) पर 18%।
इस घोषणा के बाद, मुंबई की कॉमेडियन राधा, जिन्हें इंस्टाग्राम पर “राधा – द फनी फूडी” के नाम से जाना जाता है, ने जीएसटी प्रणाली पर एक मजेदार वीडियो बनाया।
राधा का व्यंग्य: अंगदान पर जीएसटी
सीतारमण की साड़ी पहनकर, उनके अंदाज की नकल करते हुए राधा ने कहा:
“जीएसटी काउंसिल ने अंगदान को जीएसटी के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। अब, अंगदान या अंग प्राप्त करने पर सर्जरी पर 18% जीएसटी लगेगा।”
उन्होंने “किडनी फेलियर” और “जीवन विस्तार” पर जीएसटी लगाए जाने की बात मजाक में कही।
“यदि आप किडनी फेलियर से जूझ रहे हैं और किसी तरह आपको किडनी मिल जाती है, तो आपका जीवन बढ़ गया है। जीवन का यह विस्तार जीएसटी के अंतर्गत आएगा।”
अन्य व्यंग्य: कॉर्निया और रक्तदान पर जीएसटी
राधा ने कॉर्निया और रक्तदान पर भी तंज कसा:
- कॉर्निया दान: “दृष्टि का उपहार मिलने पर यह ‘हमेशा से’ जीएसटी के अंतर्गत आएगा।”
- रक्तदान: “रक्त बनाने में भोजन, पानी, और ऑक्सीजन का उपयोग होता है। यह एक निर्मित वस्तु है। केंद्र सरकार दान किए गए रक्त पर केवल 12% जीएसटी लेगी।”
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल अन्य शारीरिक तरल पदार्थों पर कर लगाने पर विचार कर सकती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
नेटिज़न्स ने इस वीडियो पर जमकर प्रतिक्रियाएं दीं।
- एक यूजर ने कहा,
“अभिनय और उच्चारण इतना सही है कि मुझे लगा यह असली घोषणा है।”
- दूसरे ने लिखा,
“कृपया ऐसे वीडियो न बनाएं, सरकार को नए टैक्स आइडिया मिल सकते हैं।”
- एक और कमेंट में कहा गया,
“निर्मला सीतारमण: एक बच्चा 5%, दो बच्चे 12%, तीन बच्चे 28% + सेस।”
राधा की व्यंग्यात्मक शैली की सराहना
कॉमेडियन राधा का यह वीडियो न केवल मनोरंजक है, बल्कि भारत की जटिल कर प्रणाली पर एक तंज भी है। उनके अभिनय और उच्चारण की तारीफ हर तरफ हो रही है। कई लोग इसे वास्तविक घोषणा समझने की भूल भी कर बैठे।