पिछले दस साल की आपदाओं का डाटा बनाकर करें अध्ययन: विनोद कुमार सुमन

देहरादून, 03 जूलाई (हि.स.)। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने विभागीय कार्यभार ग्रहण करने के बाद बुधवार को आईटी पार्क में यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम में मानसून को लेकर विभिन्न जनपदों की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी जनपदों को निर्देश दिए कि पिछले दस साल में घटित आपदाओं का एक डाटा बेस बनाकर उसका अध्ययन करें।

बुधवार को सचिव विनोद कुमार सुमन उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के नए भवन में पहुंचे और कंट्रोल रूम से व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को संभावित आपदाओं के दृष्टिगत हर वक्त अलर्ट मोड पर रहने को कहा। यूएसडीएमए के विशेषज्ञों तथा कंट्रोल रूम में तैनात विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने सभी जनपदों को निर्देश दिए कि पिछले दस साल में घटित आपदाओं का एक डाटा बेस बनाकर उसका अध्ययन करें और उन आपदाओं से निपटने के लिए जो अच्छे कार्य किए गए तथा जो कमियां रह गईं उनसे सीख लेते हुए आपदाओं से निपटने के लिए एक रोड मैप बनाएं। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन महीने उत्तराखंड के लिए आपदा के लिहाज से बेहद अहम और संवेदनशील हैं। चारधाम यात्रा चल रही है और कुछ समय में कांवड़ यात्रा भी प्रारंभ होने वाली है इसलिए तैयारियों का चाक-चौबंद होना जरूरी है। उन्होंने संभावित आपदाओं के दृष्टिगत जनपदों को सभी जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कंट्रोल रूम में सभी महत्वपूर्ण फोन नंबर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के बीच में यदि कहीं मार्ग अवरुद्ध हो जाए और यात्री थोड़े अधिक समय के लिए फंस जाएं तो उन्हें भोजन तथा पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।

उन्होंने जनपदों को शासन स्तर से संबंधित मामलों के प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने मानसून के दौरान खाद्यन्न एवं अन्य जरूरी वस्तुओं की किल्लत न हो, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में स्टॉक रखने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा के चलते होने वाली क्षति के आकलन की रिपोर्ट पूरे तथ्यों के साथ सत्यापित कर प्रस्तुत करने को कहा, ताकि बाद में कोई विवाद की स्थिति न रहे। उन्होंने यूएसडीएमए के अधिकारियों को इस संबंध में चेक लिस्ट बनाकर जिलों को भेजने के निर्देश दिए।

24 घंटे के अंदर राहत पहुंचाने की कोशिश हो

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों को 24 घंटे के अंदर तत्काल दी जाने वाली सहायता राशि पहुंचाने की कोशिश की जानी चाहिए। यदि कहीं सर्वे आदि के चलते विलम्ब हो रहा हो तो 72 घंटे के अंदर हर हाल में सहायता राशि पीड़ितों तक पहुंच जाए।

बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी आदि विशेषज्ञ मौजूद थे।