गुमला,12 अप्रैल (हि.स.) । जिले के घाघरा के सेरेंगदाग बाजार के समीप आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने बैठक कर सड़क नही बनने पर वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है । इसके पूर्व सोमवार को भी सरांगो नवाटोली बगीचा में बैठक कर आठ बूथ के सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरुषों ने बैठक कर वोट बहिष्कार का निर्णय लिया था।
एक ओर वोट प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिले के अधिकारी लगातार कई निर्देश जारी कर रहे हैं। इसके विपरीत प्रखंड के अधिकारी वोट बहिष्कार के निर्णय के उपरांत भी उन तक पहुँच वोट बहिष्कार के कारणों को जानना भी मुनासिब नही समझ रहे। वोट बहिष्कार को लेकर शुक्रवार को पुनः सेरेंगदाग बाजार के समीप शुक्रवार को बैठक हुई, जहां सर्वसम्मति से रोड नही तो वोट नही का निर्णय नारे लगाते हुए किया गया। उक्त बैठक में वकील खेरवार ने कहा कि जंगल पहाड़ो में निवास करने वाले आदिम जनजाति एवं आदिवासी परिवार आज भी ठगे महसूस कर रहे है।
सरकार आदिवासियों की हितैषी होने की बात तो कहती है, लेकिन इटकिरी से भैसबथान, तुयमु, सेरेंदाग, केचकी, जालिम के आदिम जनजाति एवं अन्य आदिवासी समुदाय सड़क नही बनने से धूल फांकने को विवश है। बॉक्साइट ट्रकों के कच्चे रास्ते मे गुजरने से घरों में रखे खाने तक दूषित हो जाता है। रतींद्र भगत ने कहा कि करीब 50 वर्ष पूर्व सड़क बना था, लेकिन अब कालीकरण सड़क का नामोनिशान भी शेष नही बचा है। बॉक्साइट से करोड़ो का राजस्व सरकार को जाती है, लेकिन सड़क बनाना सरकार आवश्यक नही समझती।