अवैध खनन को लेकर गांववासियों ने खनन विभाग और राजस्व विभाग के खिलाफ किया प्रदर्शन, मिली भगत के लगाए आरोप

कठुआ 06 मई (हि.स.)। सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध खनन को लेकर गांववासियों ने खनन विभाग और राजस्व विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। हटली मोड़ से लेकर हटली गांव के बीच पड़ते करीब 11 गांव के स्थानीय लोगों ने डीसी कठुआ से मुलाकात कर उन्हें अवैध खनन की जानकारी दी और जांच की मांग की है।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि हटली मोड़ से हटली की ओर जाने वाले मार्ग पर करीब 11 गांव ऐसे हैं जो आज खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि हटली मार्ग पर दिन रात डंपरों की आवजाही से स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो चुका है। प्रदर्शनकारियों ने खनन विभाग और राजस्व विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए और बड़े स्तर पर मिली भगत के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मम्गर खड़ के ऊपरी हिस्से में कुछ वाटर बॉडी की जमीनों में अवैध खनन किया जा रहा है। जिसकी वजह से गांव के गांव बर्बाद हो गए हैं, जंगल पूरे तबाह हो चुके हैं, जहां तक कि जलस्तर नीचे चला गया है और आने वाले दिनों में पेयजल की भी किल्लत से लोगों को जूझना पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने अपनी मालिकाना जमीन से खनन करने की अनुमति ले रखी है लेकिन खनन विभाग के कुछ नियम होते हैं। निजी जमीनों से भी 100 फुट तक अवैध खनन किया गया है और इन सब को देखने का काम राजस्व और खनन विभाग का है लेकिन कोई भी विभागीय कर्मचारी अधिकारी सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध खनन की सुध लेने नहीं जा रहा। प्रदर्शनकारी ने बताया कि हम विकास के खिलाफ नहीं है लेकिन विकास के नाम पर गांव के प्राकृतिक स्रोतों को लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक निजी कंपनी जो सिक्स लेन और दिल्ली कटरा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य कर रही है उस कंपनी की आड़ में कठुआ के भागथली क्षेत्र में बने नई औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित हो रही नई औद्योगिक इकाइयों को भी अवैध खनन कर मटेरियल दिया जा रहा है और इसमें बड़े स्तर पर मिली भगत की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर एक दो मार्ले सरकारी जमीन पर कोई गरीब व्यक्ति अपना आशियाना बनाता हैं तो राजस्व विभाग वाले बुलडोजर लेकर पहुंच जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी खड़ें, पहाड़ियां, जंगल तबाह हो चुके हैं लेकिन इस और किसी का ध्यान नहीं जाता। उन्होंने जिला उपयुक्त से अपील करते हुए कहा कि खनन विभाग और माइनिंग विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जांच होनी चाहिए कि सरकारी जमीनों पर हुए अवैध खनन के पीछे कौन लोग हैं, किन लोगों की मिलीभगत से गांव के गांव तवाह हो रहे हैं, जिसका खामियाजा आने वाले दिनों में गांव वासियों को भुगतना पड़ेगा।