Vijaya Ekadashi 2025:पुण्य, सफलता और समृद्धि का पावन व्रत

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सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना जाता है। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली विजया एकादशी का विशेष महत्व होता है। यह व्रत केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसे आध्यात्मिक उन्नति और विजय प्राप्ति का प्रतीक भी माना जाता है।

शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान श्रीराम ने लंका विजय से पूर्व इस व्रत का पालन किया था, जिसके प्रभाव से उन्हें रावण पर विजय प्राप्त हुई। इसलिए इस एकादशी को किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने और शत्रु बाधाओं से मुक्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मोक्ष की प्राप्ति भी संभव होती है।

विजया एकादशी का धार्मिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान श्रीराम समुद्र पार करके लंका पर चढ़ाई करने जा रहे थे, तब उन्होंने इस व्रत का पालन किया। इस व्रत के प्रभाव से उनकी सेना को बल प्राप्त हुआ, और अंततः उन्होंने रावण जैसे शक्तिशाली शत्रु का संहार किया।

इसलिए यह माना जाता है कि जो भी श्रद्धा और भक्ति भाव से इस व्रत को करता है, उसे—

✔ शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
✔ जीवन के समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है।
✔ सफलता और समृद्धि का मार्ग खुलता है।
✔ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है, और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना, व्रत और दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

विजया एकादशी 2025: तिथि और शुभ योग

इस वर्ष विजया एकादशी 24 फरवरी 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी।

शुभ संयोग:

इस दिन सिद्धि योग और शिववास योग का संयोग रहेगा, जिससे इस व्रत का प्रभाव और अधिक बढ़ जाएगा।

नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा
योग: सिद्धि योग, शिववास योग
मुहूर्त: सूर्योदय से लेकर अगले दिन पारण तक व्रत के लिए उत्तम समय रहेगा।

इन शुभ संयोगों में पूजा और व्रत करने से—
✔ मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
✔ भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
✔ जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।

विजया एकादशी पर इन चीजों की खरीदारी करें

धार्मिक मान्यता है कि विजया एकादशी पर कुछ विशेष वस्तुओं को घर लाना अत्यंत शुभ होता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, वास्तु दोष समाप्त होते हैं और आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।

1. मोर पंख

विजया एकादशी के दिन मोर पंख घर लाना शुभ माना जाता है। इसे भगवान विष्णु को अर्पित करने के बाद पूजा स्थान, शयन कक्ष या तिजोरी में रखना चाहिए।

✔ लाभ:
नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
वास्तु दोष समाप्त होता है।
घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

2. चांदी का कछुआ

विजया एकादशी पर चांदी का कछुआ खरीदकर घर लाने से आर्थिक उन्नति होती है। इसे सही दिशा में रखने से धन की वृद्धि होती है और स्थिरता बनी रहती है।

✔ लाभ:
धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।
व्यापार में उन्नति मिलती है।
घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है।

3. कामधेनु गाय

अगर धन-संपत्ति में रुकावटें आ रही हैं, तो इस दिन चांदी की कामधेनु गाय लाकर पूजा स्थान पर स्थापित करें।

✔ लाभ:
आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं।
सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

4. दक्षिणावर्ती शंख

विजया एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे पूजा स्थान पर स्थापित कर नियमित रूप से पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

✔ लाभ:
सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पारिवारिक विवाद खत्म होते हैं।
घर में लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।

5. लाल रंग का कपड़ा

विजया एकादशी के दिन लाल रंग के कपड़े खरीदने और धारण करने से सौभाग्य और सफलता में वृद्धि होती है।

✔ लाभ:
कार्यों में सफलता मिलती है।
व्यापार और करियर में उन्नति होती है।
मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।

6. नारियल (श्रीफल)

श्रीफल या नारियल को शुभता का प्रतीक माना जाता है। विजया एकादशी के दिन इसे खरीदकर भगवान विष्णु को अर्पित करने के बाद घर में रखना सौभाग्यदायक होता है।

✔ लाभ:
घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
समृद्धि और उन्नति के द्वार खुलते हैं।
गृह कलेश समाप्त होते हैं।

7. हाथी की मूर्ति

अगर आप आर्थिक समृद्धि और व्यापार में उन्नति चाहते हैं, तो विजया एकादशी पर हाथी की मूर्ति खरीदकर घर लाएं।

✔ लाभ:
व्यापार में तेजी आती है।
घर-परिवार में खुशहाली आती है।
ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है।