वीडियो: ‘दीवार कूदने वाले’ अब दो साल तक नहीं दे सकेंगे परीक्षा, बिहार बोर्ड का सख्त कदम

बिहार बोर्ड परीक्षा: दीवार फांदकर परीक्षा केंद्र में घुसने की कोशिश करने वाले छात्रों पर सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है. बिहार बोर्ड ने ऐसे छात्रों के खिलाफ दो साल के लिए परीक्षा पर रोक लगाने का फैसला किया है. बिहार बोर्ड कक्षा-12 की इंटरमीडिएट परीक्षाएं 1 फरवरी से शुरू हो गई हैं। परीक्षा दिन में दो बार सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12.45 बजे तक और दोपहर 2.00 बजे से शाम 5.15 बजे तक आयोजित की जा रही है.

1 मिनट देरी से पहुंचने वाले 100 छात्रों को प्रवेश नहीं

पिछले कुछ दिनों में बिहार बोर्ड कक्षा-12 की परीक्षा में देर से पहुंचे छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया। निर्देशानुसार सुबह नौ बजे परीक्षा केंद्र का गेट बंद कर दिया गया. मधेपुरा के ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में एक मिनट देर से परीक्षा केंद्र पहुंचे 100 से अधिक छात्रों को प्रवेश नहीं दिया गया. इसके बाद छात्र सिस्टम से गुहार लगाते रहे, लेकिन रात 11 बजे तक प्रवेश नहीं दिया गया। कुछ छात्रों ने कहा कि वे ठंड, यातायात समस्याओं आदि के कारण देर से पहुंचे। 

कैमूर, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में भी हंगामा हुआ

ऐसी स्थिति कैमूर, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जिले में भी उत्पन्न हुई. तभी कुछ छात्रों और अभिभावकों ने हंगामा कर दिया, कुछ छात्र परीक्षा केंद्र के गेट पर चढ़ गए और दीवार फांदकर परीक्षा केंद्र में घुसने की कोशिश की. बाद में पुलिस को बीच में लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

 

 

परीक्षा केंद्रों की दीवार फांदने की घटना आपराधिक कृत्य है

घटना के बाद बिहार बोर्ड ने ऐसे छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों की दीवार कूदने की घटना को आपराधिक कृत्य माना है और कहा है कि ऐसा करने से परीक्षा प्रभावित होती है. बिहार बोर्ड विद्यालय परीक्षा समिति ने इस घटना पर संज्ञान लिया है और निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में दोषी अभ्यर्थियों की पहचान कर कार्रवाई की जाये.

 

 

छात्र दो साल तक परीक्षा नहीं दे सकते

इस संबंध में जिला प्रशासन के वरीय उप समाहर्ता मिथिलेश कुमार ने पत्र जारी किया है. इसके अलावा जो छात्र परीक्षा केंद्र की सीमा पार करने की कोशिश करेंगे, वे दो साल तक परीक्षा नहीं दे पाएंगे और उनके खिलाफ प्रारंभिक अपराध भी दर्ज किया जाएगा. यह भी कहा गया है कि गेट बंद होने के बाद देर से आने वाले छात्रों को प्रवेश देने वाले परीक्षा केंद्र के अधीक्षक को भी निलंबित कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. केंद्राधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि अगर परीक्षा केंद्र पर ऐसी घटनाएं होती हैं तो हंगामा करने वाले परीक्षार्थियों के खिलाफ परीक्षा संचालन अधिनियम, 1981 के तहत कार्रवाई करें.