मंदिर घर का सबसे पवित्र स्थान होता है, यहां प्रतिदिन पूजा होने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पूरे घर में होता है। वास्तु शास्त्र और सनातन धर्म में मंदिर से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। खासतौर पर मंदिर की साफ-सफाई को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। अगर आप पूजा स्थल की साफ-सफाई करना चाहते हैं तो यहां हम आपको बताते हैं कि यह किस दिन और किस तिथि को करनी चाहिए..
हिंदू धर्म में घर की साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जाता है। साफ-सुथरे घर में देवी-देवताओं का ही वास होता है। घर के मंदिर की साफ-सफाई का ध्यान रखना भी उसी तरह जरूरी है जैसे घर की साफ-सफाई का ध्यान रखना। किसी भी दिन मंदिर की सफाई के लिए बैठ जाना ठीक नहीं है. पूजा स्थल को हमेशा साफ-सुथरा रखना याद रखें ।
यदि प्रतिदिन मंदिर की सफाई करना संभव न हो तो प्रत्येक शनिवार को मंदिर की सफाई करनी चाहिए। इस दिन मंदिर की सफाई करने से धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
इसके अलावा हिंदू धर्म में हर महीने की अमास तिथि को भी पूजा से पहले मंदिर की सफाई करने को कहा जाता है। इसके अलावा त्योहार के दौरान पूजा करने से पहले मंदिर को साफ कर लेना चाहिए.
क्या आप जानते हैं कब नहीं करनी चाहिए मंदिर की सफाई?
– रात का समय भगवान के विश्राम का समय होता है इसलिए इस दौरान मंदिर की सफाई न करें। मंदिर की सफाई हमेशा दिन में ही करनी चाहिए।
– पूजा के तुरंत बाद मंदिर की सफाई न करने से सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।
– जब तक मंदिर में दीपक या धूप जल रही हो तब तक मंदिर की सफाई न करें।
– इसके अलावा गुरुवार के दिन कभी भी मंदिर की सफाई न करें।
– तिथि की बात करें तो एकादशी तिथि के दिन भी मंदिर की सफाई करना अशुभ माना जाता है.