Vastu Dosh: मेडिकल साइंस में कैंसर कई कारणों से हो सकता है लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में वास्तु दोष भी कैंसर का कारण बनता है। ज्योतिष से जानिए इससे बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
कैंसर के लिए वास्तु टिप्स: वैसे तो कैंसर जैसी बड़ी बीमारी खराब जीवनशैली का नतीजा है, लेकिन घर का गलत वास्तु भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार होता है, इसीलिए कैंसर के लिए जिम्मेदार इन वास्तु दोषों को समय रहते ठीक कर लेना चाहिए, ताकि हम इस जानलेवा बीमारी से बच सकें।
प्लॉट, मकान या फ्लैट खरीदने से पहले वास्तु के बारे में उचित जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। किसी भी स्थान के लिए वास्तु का सही होना बहुत जरूरी है, इसीलिए ज्यादातर लोग वास्तु को ध्यान में रखकर प्लॉट आदि खरीदते हैं। वास्तु दोष व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर सकता है।
हम सभी जानते हैं कि अगर किसी घर में वास्तु दोष हो तो परिवार के सदस्यों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन, अजीब बात यह है कि वास्तु दोष किसी को कैंसर का कारण भी बन सकता है।
कैंसर रोग और वास्तु का संबंध
आजकल जो घर बन रहे हैं, वे पहले के घरों की तरह आयताकार नहीं होते, बल्कि आधुनिक समय के हिसाब से अनियमित आकार के होते हैं। ऐसे में वर्तमान दौर में बन रहे घरों के कुछ कोने या तो दबे हुए होते हैं या बाहर निकले हुए होते हैं, घर का कुछ हिस्सा ऊंचा होता है और कुछ हिस्सा नीचा होता है।
इस तरह की संरचना को अनियमित माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इससे घर में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के बीच असंतुलन पैदा होता है। यही कारण है कि घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कैंसर भी ऐसी ही बीमारियों में से एक है।
इन कारणों से हो सकता है कैंसर
- घर के उत्तर-पूर्व हिस्से को कभी भी पूरी तरह से बंद न करें, ऐसा करने से फेफड़े खराब हो सकते हैं और छाती के किसी हिस्से में कैंसर होने की संभावना रहती है।
- यदि आप नसों और गर्दन में कैंसर से बचना चाहते हैं तो घर के उत्तर-पूर्वी हिस्से की ऊंचाई कम कर दें।
- घर का पश्चिमी भाग दबा हुआ नहीं होना चाहिए। यदि घर का दक्षिणी और दक्षिण-पश्चिमी भाग नीचा है तो ब्रेन कैंसर का खतरा रहता है।
- यदि घर का उत्तरी भाग सही और साफ नहीं है तो छाती का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।
- गर्भाशय का कैंसर तब होता है जब उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशाएं दोषपूर्ण होती हैं।
कैंसर रोग का कारण
जिन लोगों को कैंसर है उनके घर में कम से कम दो वास्तु दोष होते हैं। इनमें से एक वास्तु दोष ईशान कोण में अवश्य होता है, जैसे घर का ईशान कोण गोल, कटा हुआ, दबा हुआ होना या ईशान कोण का आवश्यकता से अधिक बढ़ा हुआ होना या ईशान कोण का घर के अन्य किनारों से ऊंचा होना।
शरीर के किस अंग में कैंसर होगा यह घर के अन्य वास्तु दोष पर निर्भर करता है जो घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा या दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम कोने में कहीं होता है।
स्तन और गर्भाशय कैंसर
पूर्व-दक्षिण-पूर्व भाग में भूमिगत जल स्रोत जैसे टैंक, बोरवेल आदि का होना या उनका निम्न स्तर होना। जबकि घर के दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में भूमिगत जल स्रोत होने पर महिलाओं को गर्भाशय कैंसर होता है। इसके अलावा दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम भाग का किसी भी तरह से नीचा या ऊंचा होना।
सिर, गर्दन और मुँह का कैंसर
उत्तर-पूर्व कोना आवश्यकता से अधिक ऊंचा और विस्तृत है तथा पश्चिम दिशा किसी भी तरह से बहुत नीची है।
आंत्र कैंसर
पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में भूमिगत जल स्रोत का होना या उसका किसी भी तरह से नीचा या ऊंचा होना कोलन कैंसर का कारण माना जाता है।
रक्त कैंसर
दक्षिण-पश्चिम में भूमिगत जल स्रोत का होना, दक्षिण-पश्चिम दिशा का बहुत नीचा या ऊंचा होना, साथ ही अन्य दिशाओं का ईशान कोण से नीचा होना। वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण का अन्य दिशाओं से ऊंचा होना रक्त कैंसर का कारण माना जाता है।
मस्तिष्क कैंसर
उत्तर-पश्चिम, उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व दिशाओं का ऊंचा होना तथा दक्षिण-पूर्व, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम दिशाओं में भूमिगत जल का स्रोत कम या अधिक होना मस्तिष्क कैंसर की संभावना को बढ़ाता है।
कैंसर रोग में ग्रहों की भूमिका होती है ।
कुंडली से कैंसर रोग को समझने में कर्क राशि, चंद्रमा और मंगल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। हमारे शरीर में सभी प्रकार के कैंसर होने की संभावना रहती है जैसे कैंसर, महिलाओं में स्तन कैंसर, ल्यूकेमिया, फेफड़ों का कैंसर महिलाओं में गर्भाशय कैंसर और पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर।
कैंसर से बचने के उपाय
- कच्ची हल्दी का सेवन करना चाहिए।
- मसरी दाल का दान करना चाहिए।
- बिच्छू बूटी को काले कपड़े में सिलकर तकिये के पास रखें।
- खाने-पीने के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग करें।
- मिट्टी की चाबी में तेल भरें और उसे नदी की रेत में दबा दें।
- लग्नेश के रत्न के साथ गले में आठ मुखी एवं नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
अगर घर में पहले से ही कोई कैंसर का मरीज है तो मेरी सलाह है कि, मरीज का किसी योग्य डॉक्टर से उचित इलाज करवाते रहें। इलाज में लापरवाही न बरतें लेकिन साथ ही, किसी योग्य वास्तु सलाहकार को बुलाकर अपना घर दिखाएं ताकि घर में मौजूद वास्तु दोष दूर हो सके और दोषों से उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सके। जब वास्तु दोष दूर हो जाते हैं तो मरीज पर दवाओं का अच्छा असर होने लगता है।
इसलिए जिन घरों में कैंसर के मरीज हैं, उन्हें अपने घर के वास्तु दोषों को अवश्य दूर करवा लेना चाहिए ताकि मरीज अपना शेष जीवन आराम से बिता सके और इन वास्तु दोषों के कारण भविष्य में घर का कोई अन्य सदस्य कैंसर का शिकार न बने।