वास्तु शास्त्र सही रंग की सामग्री को सही दिशा में रखने की बात करता है। रंगों का जुड़ाव व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालता है। यह शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के फल देता है। अत: दिशा को ध्यान में रखकर ही रंगों का चयन करना चाहिए। प्रत्येक रंग अपने उचित दिशात्मक संयोजन में पाया जाता है। आज हम आपको पीले रंग से जुड़े नियम के बारे में बताएंगे।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दिशा और रंगों का गहरा संबंध होता है। प्रत्येक दिशा एक विशिष्ट ग्रह से मेल खाती है। दक्षिणी दिशा मृत्यु के देवता यमराज से सम्बंधित है। इस दिशा में रखा गया रंग जीवन पर प्रभाव डालता है। पीला रंग ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है। दक्षिण दिशा में पीला रंग रखने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे धन और समृद्धि बढ़ती है।
दक्षिण दिशा के साथ पश्चिम दिशा में पीला रंग लगाने से कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। धन और मानसिक शांति के लिए इस दिशा में पीले रंग की कोई वस्तु रखनी चाहिए। इस दिशा में पीले रंग की वस्तु रखने से व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा है और पीला रंग सूर्य देव का प्रतीक है। पूर्व दिशा में पीली वस्तु रखने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूर्व दिशा में पीला रंग धन और समृद्धि बढ़ाने वाला सिद्ध होता है। पूर्व दिशा में पीली वस्तु रखने से धन का आगमन बढ़ेगा और परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।