Vastu Shastra : क्या दक्षिण दिशा में मुंह करके खाना सचमुच बुरा होता है जानिए ये चौंकाने वाले वास्तु रहस्य
News India Live, Digital Desk: भारत में वास्तु शास्त्र को लेकर कई मान्यताएँ प्रचलित हैं, और इनमें भोजन करने की दिशा भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि खाना खाते समय कभी दक्षिण दिशा की ओर मुंह नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे यम की दिशा माना जाता है और वास्तु में इसे अशुभ बताया गया है। लेकिन क्या यह सचमुच हर स्थिति में बुरा होता है? एक वास्तु विशेषज्ञ ने इस पर एक नया और दिलचस्प नजरिया पेश किया है, जिससे आपकी अवधारणा बदल सकती है।
वास्तु विशेषज्ञ देबाशीष भट्टनागर की मानें तो, सामान्य भोजन के लिए दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठना निश्चित रूप से शुभ नहीं माना जाता। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह दिशा यमराज की दिशा है, और इस ओर मुंह करके खाने से माना जाता है कि नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो सकती है। हालांकि, देबाशीष भट्टनागर बताते हैं कि कुछ विशेष परिस्थितियों में दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन करना न केवल शुभ होता है, बल्कि अत्यंत फलदायी भी होता है।
उनका कहना है कि यदि आप अपने पितरों या पूर्वजों को भोजन समर्पित कर रहे हैं, जैसे किसी ब्राह्मण को भोजन कराना या पितृपक्ष में श्राद्ध आदि के दौरान, तो उस स्थिति में दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन कराना बेहद शुभ माना जाता है। इससे पितृदोष दूर होते हैं और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही, एक और अनोखी स्थिति भी बताई गई है: यदि घर में कोई व्यक्ति किसी बहुत गंभीर बीमारी से पीड़ित हो और स्वास्थ्य में सुधार न हो रहा हो, तो ऐसे में यदि उस व्यक्ति को दक्षिण दिशा में मुंह करके भोजन कराया जाए, तो ऐसा करने से उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार देखा जा सकता है।
सामान्य परिस्थितियों की बात करें तो, वास्तु के अनुसार भोजन करने की कुछ मुख्य दिशाएँ बताई गई हैं, जो विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करती हैं। पूर्व दिशा में मुंह करके भोजन करना सेहत के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। यह आपको सकारात्मक ऊर्जा देता है, मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है और रोग-मुक्त रहने में मदद करता है। यह छात्रों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। वहीं, उत्तर दिशा में भोजन करने से धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और आर्थिक उन्नति होती है। यह उन लोगों के लिए श्रेष्ठ है जो व्यापार या नौकरी में सफलता और समृद्धि चाहते हैं। पश्चिम दिशा में मुंह करके खाना व्यापार में लाभ, यश और नए अवसरों को आकर्षित करता है, जो करियर में नई बुलंदियां दिला सकता है।
तो निष्कर्ष यह है कि वास्तु शास्त्र में दिशाओं का महत्व स्थिति और उद्देश्य पर निर्भर करता है। दक्षिण दिशा, जो आमतौर पर निषिद्ध मानी जाती है, विशेष धार्मिक कार्यों और गंभीर स्वास्थ्य परिस्थितियों में लाभदायक हो सकती है। इसलिए, अपनी सामान्य भोजन की आदतें बनाए रखें और सामान्य दिनचर्या में शुभ दिशाओं का पालन करें, लेकिन कुछ खास मौकों पर वास्तु के इन गहरे रहस्यों का लाभ उठाया जा सकता है।
--Advertisement--