वंदे भारत एक्सप्रेस प्रीमियम सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन के तौर पर देशभर में सफलतापूर्वक चल रही है। वंदे भारत को यात्रियों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। हालांकि, इनके टिकट की कीमत थोड़ी ज्यादा है और रात में सफर करना मुश्किल है, इसलिए भारतीय रेलवे जनरल क्लास के लिए रेल यात्रा को और सुविधाजनक बनाने के लिए अमृत भारत एक्सप्रेस लेकर आई है। अब रेलवे की योजना इस ट्रेन का और विस्तार करने की है। केंद्र में नई सरकार बनने के बाद यह ट्रेन और जगहों पर चलाई जाएगी। ऐसी खबरें हैं कि नई अमृत भारत एक्सप्रेस जुलाई से भोपाल और बेंगलुरु के बीच चलने की उम्मीद है। खबर है कि यह ट्रेन पुणे रूट से चल सकती है। हालांकि, नई ट्रेन के शेड्यूल और स्टॉपिंग स्टेशनों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
अमृत भारत एक्सप्रेस में ये सुविधाएं दी गई हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 30 दिसंबर को अयोध्या रेलवे स्टेशन पर मालदा-बेंगलुरु और दिल्ली-अयोध्या-दरभंगा के बीच दो नई अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी। आम आदमी की ट्रेन के रूप में जानी जाने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस में करीब 1,834 यात्री सवार हो सकते हैं। यह 130 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलती है और इसमें आगे-पीछे इंजन लगा होता है। इस ट्रेन में द्वितीय श्रेणी के स्लीपर कोच और अनारक्षित कोच होते हैं जिनमें एयर कंडीशनिंग (एसी) सिस्टम और स्वचालित दरवाजे नहीं होते हैं।
इस अमृत भारत कोच में मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, एलईडी लाइट, फूड टेबल, मोबाइल और बॉटल होल्डर समेत कई आधुनिक सुविधाएं हैं। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अमृत भारत ट्रेन को दिन और रात के संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस ट्रेन में कुल 22 कोच हैं और यह एक बार में 800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती है।
वंदे भारत स्लीपर और वंदे भारत मेट्रो के लिए तैयारियां की जा रही हैं
रेलवे विभाग दूर-दराज के स्थानों पर जाने वाले यात्रियों की मदद के लिए वंदे भारत स्लीपर विकसित कर रहा है। बताया जा रहा है कि ये ट्रेनें अगले कुछ दिनों में पटरी पर आ जाएंगी और राजधानी एक्सप्रेस का विकल्प होंगी। इसमें कुल 16 एसी कोच होंगे और इनमें स्व-संचालित दरवाजे और गंधहीन शौचालय होंगे। रेलवे विभाग आस-पास के शहरों को जोड़ने के लिए वंदे भारत मेट्रो ट्रेन भी तैयार कर रहा है। इनके जल्द ही चलने की संभावना है। जुलाई में ट्रेन का ट्रायल हो सकता है। मालूम हो कि फिलहाल 50 वंदे मेट्रो ट्रेनों का उत्पादन किया जा रहा है।