गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के लिए आंगनबाड़ियों में वेक्सीनेशन अनिवार्य हो : मुख्य सचिव

देहरादून, 24 जून (हि.स.)। मुख्य सचिव ने गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के लिए आंगनबाड़ियों में वेक्सीनेशन की अनिवार्यता के साथ ही पर्वतीय जनपदों में वन स्टॉप सेन्टर को प्रतीक्षालय के रूप में उपयोग करने की व्यवस्था को पूरी तरह लागू करने के निर्देश दिए हैं।

सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सत्त विकास लक्ष्यों (एसडीजी) उत्तराखण्ड की स्थिति के सन्दर्भ में लैगिंक समानता,पोषण,जीरो हंगर,स्वास्थ्य जैसे इंडीकेटर की समीक्षा की। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम और सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ जल्द ही हेल्थ डाटा के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने राज्य के पर्वतीय जिलों में दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव की सुविधा आसानी से मिले, इसके लिए पर्वतीय जनपदों में वन स्टॉप सेन्टर को गर्भवती महिलाओं के लिए प्रतीक्षालय के रूप में उपयोग करने की व्यवस्था को पूरी तरह लागू करने के निर्देश दिए हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) की जांच की अनिवार्य व्यवस्था के निर्देश दिए।

उन्होंने हरिद्वार जैसे उच्च मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर वाले जिलों में ग्राम एवं ब्लॉक स्तर पर कैम्प लगा कर गर्भवती महिलाओं को एएनसी जांच की सुविधा पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। सरकारी अस्पतालों में अधिक से अधिक प्रसव करवाने के लिए एएनसी जांच के दौरान गर्भवती महिलाओं की काउन्सिलिंग करवाने को कहा। इस सम्बन्ध में गैर सरकारी संस्थाओं एवं सामाजिक संस्थाओं की मदद लेने पर जोर दिया। हरिद्वार जैसे जिलों में संस्थागत प्रसव में कमी के कारणों की जांच के लिए उन्होंने टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए हैं।

सीएस ने स्वास्थ्य विभाग को सरकारी प्रयासों के साथ ही सीएसआर एवं एनजीओं के सहयोग से राज्य में मातृत्व स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक प्रभावी एवं ठोस प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने एनिमिया के मामलों को नियंत्रित करने, नवजात एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं एएनसी जांच के लिए आंगनबाड़ियों को सुदृढ़ करने और उनसे प्रभावी समन्वय के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विद्यालयों में बच्चों को दिए जा रहे भोजन में माइक्रोंन्यूट्रेन्ट की मात्रा भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

मातृ मृत्यु दर 103, शिशु मृत्यु दर 39.1:

बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जानकारी दी गई की जीरो हंगर के तहत उत्तराखण्ड के सभी जिलों में गर्भवती महिलाओं की ओर से टेक होम राशन स्कीम का लाभ उठाने का सौ प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। वर्ष 2019-21 में राज्य का मातृ मृत्यु दर 103, शिशु मृत्यु दर 39.1 रहा है।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य, अपर सचिव स्वास्थ्य, नियोजन, महानिदेशक स्वास्थ्य तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।