देहरादून, 21 मई (हि.स.)। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के लिए उत्तराखंड की तैयारी पूरी है। मुख्य सचिव ने कहा कि इस बारे में हस्त पुस्तिका अधिकारियों-कर्मियों को नए आपराधिक कानूनों के बारे में बताएगी। इनको समझने के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है।
मंगलवार को गृह सचिव भारत सरकार की अध्यक्षता में सभी राज्यों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में बताया कि एक जुलाई 2024 से देशभर में लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों यथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023 के लिए उत्तराखंड राज्य ने पूरी तैयारी कर ली है।
मुख्य सचिव रतूड़ी ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के पास होने के बाद उन्होंने सीडीटीआई और बीपीआर एंड डी से समन्वय स्थापित कर पीटीसी-एटीसी और अन्य प्रशिक्षण केंद्रों से 50 अधिकारियों को गाजियाबाद और जयपुर से मास्टर ट्रेनर का कोर्स कराया गया है। इसके अलावा 18 पीओएस को भी मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग के लिए रोप इन किया गया है। साथ ही उत्तराखंड पुलिस हस्त पुस्तिका तैयार की गई है। इसके आधार पर सारे कोर्स का संचालन किया जा रहा है। इसमें बृहद कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि तैयार की गई है। इसकी एक प्रति कुल 25000 हस्त पुस्तिका समस्त पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को वितरित की जा रही है। साथ ही ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए तीन माड्यूल तैयार किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अल्प अवधि को देखते हुए ट्रेनिंग को जिला स्तर पर विकेन्द्रित किया गया है। सभी मास्टर ट्रेनर्स और अभियोजन अधिकारियों की ज्वाइंट टीम द्वारा ऑफलाइन मोड में सिविल पुलिस के विवेचना से संबंधित आफिसर्स को ट्रेनिंग करवाई जा रही है। ऐसे कर्मचारी जिनका पुलिस विवेचना में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता है उन्हें ऑनलाइन मोड में प्रशिक्षण दिया जाना है। इसके लिए ऑनलाइन माड्यूल तैयार किया जा रहा है। ऑनलाइन माड्यूल आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस आधारित है, जिन्हें मई माह के अंत तक भारत सरकार द्वारा बनाए गए (iGOT Karmayogi Portal) पर हॉस्ट किया जाएगा। इसके बाद सभी कर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए एक माह का समय दिया जाएगा। कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को चारधाम यात्रा के दृष्टिगत लगभग 20 दिवस का समय दिया जाएगा। इसमें वह पोर्टल पर उपलब्ध 18 लेक्चर्स के माड्यूल का अध्य्यन कर टेस्ट देने के उपरांत प्रशिक्षित हो जाएंगे।
मुख्य सचिव रतूड़ी ने कहा कि आरटीसीज (RTC’s) में संचालित नागरिक पुलिस/पीएसी के लगभग 1000 रिक्रूट आरक्षियों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके अतिरिक्त लगभग 500 मुख्य आरक्षियों को पदोन्नति के लिए भी नए आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है। समस्त आईपीएस अधिकारियों तथा जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय नई दिल्ली के असिस्टेंट प्रोफेसर ने गत 19 मार्च से दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया, जो बीपीआर एंड डी से प्राप्त हुए सिलेबस पर आधारित है।
मुख्य सचिव ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के प्रशिक्षण के लिए ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों मोड में ट्रेनिंग करवाई जानी है। ऑफलाइन ट्रेनिंग चार चरण में पूर्ण होनी थी, जिसमें अभी तक तीन चरण पूर्ण हो चुके हैं। कुछ छोटे जनपदों जैसे बागेश्वर, उत्तरकाशी तथा रुद्रप्रयाग में यह ट्रेनिंग समाप्त भी हो चुकी है। 75 प्रतिशत ऑफलाइन मोड का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। अगले एक सप्ताह के अंदर ऑफलाइन प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया जाएगा। iGOT कर्मयोगी पोर्टल पर समस्त पुलिस कर्मियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगले माह 20 जून तक समस्त प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया जाएगा। साथ ही सीसीटीएनएस साफ्टवेयर संबंधी अपडेट का प्रशिक्षण भी 31 मई तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि नए आपराधिक कानूनों में काफी बदलाव किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता में 190 व भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 360 तो भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 45 छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं। नए कानूनों को समस्त पुलिस अधिकारी-कर्मचारी तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण का रोडमैप तैयार कर पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन के बाद कार्रवाई प्रचलित है। लगभग 25000 पुलिस बल का ऑनलाइन तथा ऑफलाइन मोड में प्रशिक्षण प्रस्तावित है। बैठक में गृह सचिव दिलीप जावलकर आदि थे।