उत्तराखंड कांग्रेस ने निकाय चुनाव की तैयारियों को तेज किया

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उत्तराखंड में आगामी निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। पार्टी ने चुनावों की तैयारी के लिए जिलों में पर्यवेक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि, कुछ निकायों में अभी तक पर्यवेक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सके हैं, जिससे दावेदारी कर रहे नेताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

पर्यवेक्षकों की सुस्ती बनी चुनौती

कई जिलों से पीसीसी को शिकायत मिली है कि पर्यवेक्षक अब तक जिम्मेदारी वाले निकायों में पहुंचे ही नहीं हैं। इस स्थिति को देखते हुए रविवार को पार्टी ने पर्यवेक्षकों को सक्रिय करते हुए निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द छूटे हुए निकायों का दौरा करें और 25 दिसंबर तक रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय में जमा करें।

इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की चुनावी प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।

टिकट के दावेदारों में होड़

निकाय चुनावों में टिकट के लिए दावेदारों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। प्रदेशभर से अब तक करीब 1500 आवेदन पीसीसी को प्राप्त हो चुके हैं। टिकटों के बंटवारे को लेकर दावेदारों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है।

सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा मैदान में सक्रिय

उत्तराखंड कांग्रेस के सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने चुनावी तैयारियों को लेकर मैदान संभाल लिया है। वे लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर बैठकें कर रहे हैं और तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।

  • रविवार को टिहरी जिले में बैठकें:
    शर्मा ने ढालवाला में जिला देवप्रयाग के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। उन्होंने संगठन की चुनावी रणनीतियों और कार्यकर्ताओं की सक्रियता पर चर्चा की।
  • परवादून कांग्रेस कमेटी के साथ बैठक:
    उन्होंने परवादून क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ भी चर्चा की और निकाय चुनावों को लेकर तैयारियों का जायजा लिया।

सोमवार को हरिद्वार में बैठकें

सह प्रभारी शर्मा सोमवार को हरिद्वार जनपद का दौरा करेंगे। यहां वे महानगर और ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

निकाय चुनाव: कांग्रेस की प्राथमिकता

उत्तराखंड कांग्रेस निकाय चुनावों को एक बड़ा अवसर मान रही है। पार्टी ने इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए संगठन को मजबूत बनाने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की रणनीति तैयार की है।

आने वाले दिनों में पार्टी का फोकस:

  • पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट: 25 दिसंबर तक रिपोर्ट मिलने के बाद टिकट बंटवारे और उम्मीदवारों की घोषणा।
  • स्थानीय मुद्दों पर जोर: जनता के स्थानीय मुद्दों को चुनावी एजेंडे में शामिल करना।
  • कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी: प्रत्येक क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को चुनावी प्रचार में जुटाना।

उत्तराखंड में निकाय चुनाव पार्टी के लिए एक बड़ा राजनीतिक मोर्चा साबित हो सकते हैं, जहां कांग्रेस अपनी संगठनात्मक ताकत को परखने और जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास कर रही है।