Uttar Pradesh Politics : खुली हवा में बस 55 दिन, बेटे के पुराने मामले में आजम खान को फिर हुई 7 साल की जेल
News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की सियासत में कद्दावर नेता माने जाने वाले आजम खान के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक लंबे अरसे तक जेल में रहने के बाद जब उन्हें रिहाई मिली, तो लगा कि अब शायद राहत का दौर आएगा. लेकिन उनकी यह आजादी महज 55 दिन ही टिक सकी. रामपुर की एक अदालत ने उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को एक पुराने मामले में दोषी पाते हुए 7-7 साल कैद की सजा सुनाई है, जिसके बाद उन्हें एक बार फिर सलाखों के पीछे जाना पड़ा.
क्या है वो मामला जिसने फिर भेजा जेल?
यह पूरा मामला आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है. दरअसल, साल 2019 में रामपुर के बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने एक मुकदमा दर्ज करवाया था. उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम ने धोखाधड़ी करके दो अलग-अलग जन्मतिथि पर दो पैन कार्ड बनवाए हैं.
शिकायत में कहा गया था कि एक पैन कार्ड लखनऊ से बनवाया गया था, जिसमें उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी, 1993 दर्ज थी. वहीं, दूसरा पैन कार्ड रामपुर से बनवाया गया, जिसमें जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 लिखी थी. आरोप था कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अपनी उम्र 25 साल दिखाने के लिए दूसरी जन्मतिथि वाले पैन कार्ड का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि पहली जन्मतिथि के हिसाब से वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे. इस पूरे मामले में आजम खान पर धोखाधड़ी की साजिश में बेटे का साथ देने का आरोप था.
कोर्ट ने माना दोषी, सुनाई 7 साल की सजा
रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को इस मामले में दोषी करार दिया. अदालत ने दोनों को जालसाजी और धोखाधड़ी के अपराध में 7-7 साल की कैद और 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. फैसला आते ही पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया और जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी.
यह फैसला आजम खान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जो कई अन्य मामलों में भी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. 55 दिनों की छोटी सी रिहाई के बाद उनका वापस जेल जाना एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.
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