उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को पूर्वांचल का औद्योगिक हब बनाने की तैयारी जोरों पर है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 800 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही, धुरियापार में 5500 एकड़ का औद्योगिक क्षेत्र बनाने पर भी तेजी से काम हो रहा है। ये योजनाएं गोरखपुर को एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करेंगी।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की खास बातें
1. 800 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 800 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है।
- इसमें पहले से ही व्यापार शुरू हो चुका है।
2. बड़े निवेश और रोजगार के अवसर
- पेप्सिको की फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेजेज ने 1100 करोड़ रुपये का निवेश कर बॉटलिंग प्लांट स्थापित किया है।
- प्लास्टिक पार्क:
- 88 एकड़ क्षेत्र में विकसित।
- 92 प्लास्टिक कंपनियों को जगह और सुविधाएं।
- लगभग 5000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद।
कच्चे माल की कोई समस्या नहीं
गीडा के प्लास्टिक पार्क में उद्यमियों को कच्चे माल की चिंता नहीं होगी।
- गेल (Gas Authority of India Limited):
- पार्क में स्थापित इकाइयों को कच्चा माल सीधे परियोजना स्थल पर ही उपलब्ध कराएगा।
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने गेल और गीडा के बीच इस समझौते को गीडा के स्थापना दिवस पर मंजूरी दी।
सीपेट को मुफ्त जमीन और गुणवत्ता सुधार
- सीपेट (Central Institute of Plastics Engineering and Technology):
- परियोजना स्थल पर 5 एकड़ मुफ्त जमीन आवंटित की गई।
- इससे प्लास्टिक उद्योग में तकनीकी गुणवत्ता और कुशल कारीगरों की संख्या बढ़ेगी।
- यह केंद्र उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ सुरक्षा मानकों को भी बेहतर बनाएगा।
5500 एकड़ में दूसरा औद्योगिक कॉरिडोर
गीडा धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए तेजी से भूमि अधिग्रहण कर रहा है।
- विस्तृत भूमि बैंक:
- निवेशकों को उनकी पसंद के भूखंड आसानी से उपलब्ध होंगे।
- रेडीमेड गारमेंट पार्क, फ्लैटेड गारमेंट पार्क जैसे विशेष औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाएंगे।
- भूमि आवंटन:
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गीडा के 35वें स्थापना दिवस समारोह में 85 निवेशकों को भूखंड आवंटन पत्र सौंपा जाएगा।
गोरखपुर की औद्योगिक क्रांति
गोरखपुर में तीन औद्योगिक कॉरिडोर विकसित करने की यह योजना क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को बदल देगी।
- आर्थिक विकास:
- नई कंपनियों और पार्कों के माध्यम से हजारों रोजगार अवसर।
- पूर्वांचल के विकास को नई गति।
- गोरखपुर का भविष्य:
- यह शहर उत्तर प्रदेश का नोएडा बनने की ओर बढ़ रहा है।
- आधुनिक सुविधाओं और योजनाओं के साथ यह पूर्वांचल का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनेगा।