उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन सोमवार को 73 वर्ष की आयु में हुआ। पिछले तीन हफ्तों से उनका इलाज चल रहा था, और उनकी स्थिति में सुधार न होने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में यह जानकारी मिली थी कि उन्हें दिल से संबंधित समस्याएं थीं। हालांकि, उनके परिवार ने एक बयान जारी कर बताया कि जाकिर हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे, जो उनकी मृत्यु का मुख्य कारण बना।
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस क्या है?
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें फेफड़ों के ऊतकों में फाइब्रोसिस (घाव के धब्बे) हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप फेफड़ों की एल्विओलर दीवार मोटी हो जाती है, जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह बाधित होता है। धीरे-धीरे, फेफड़ों की ऑक्सीजन लेने की क्षमता कम होती जाती है। इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं के माध्यम से रोगी की जीवन गुणवत्ता को बढ़ाने और जीवनकाल को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।
लक्षण
यह बीमारी आमतौर पर 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में देखी जाती है। इसके लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सूखी खांसी
- शारीरिक श्रम या एक्सरसाइज करते समय सांस लेने में कठिनाई
- थकान
- नाखूनों का मोटा होना, जिसे “नेल क्लबिंग” कहा जाता है
रिस्क फैक्टर
- धूम्रपान
- पारिवारिक इतिहास
- ऑटोइम्यून रोग
- वायरल संक्रमण
- उम्र: 60 से 70 वर्ष की आयु में जोखिम बढ़ता है
बचाव के उपाय
- साल में फ्लू और निमोनिया की वैक्सीन लगवाना
- नियमित एक्सरसाइज करना
- धूम्रपान छोड़ देना
- हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट का पालन करना
उस्ताद जाकिर हुसैन की याद में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, इस गंभीर बीमारी की जानकारी भी महत्वपूर्ण है ताकि लोग इसके लक्षणों और बचाव के उपायों के प्रति जागरूक रह सकें।