अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति

Donald Trump4

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही टैरिफ को लेकर आक्रामक रुख अपना चुके हैं। उन्होंने चीन से आयातित सभी स्टील और एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा, उनका जोर जवाबी टैरिफ पर भी है। इस लेख में हम विस्तार से इस टैरिफ के प्रभावों और ट्रंप की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

ट्रंप की ‘जैसे को तैसा’ नीति

इस हफ्ते की शुरुआत में, ट्रंप ने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिका भी अन्य देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ के बराबर ही शुल्क वसूले। इसका मतलब यह है कि यदि कोई देश अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा।

व्यापार युद्ध में जवाबी टैरिफ की भूमिका

ट्रंप की इस व्यापार नीति का मुख्य आधार जवाबी टैरिफ रहा है। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि अन्य देश अमेरिका पर अधिक टैरिफ लगाकर उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। व्हाइट हाउस का तर्क है कि यदि अमेरिका भी उसी प्रकार के टैरिफ लगाए, तो व्यापार संतुलन में सुधार होगा और सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लिविट ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि टैरिफ नीति तर्कसंगत है और इससे अमेरिकी श्रमिकों को लाभ मिलेगा। साथ ही, यह नीति राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करेगी।’ वर्तमान में, अमेरिका के टैरिफ दरें कई देशों की तुलना में कम हैं। अमेरिका के शीर्ष 15 व्यापारिक साझेदारों की औसत टैरिफ दर अमेरिका की तुलना में अधिक है।

दुनिया भर में टैरिफ की तुलना

उदाहरण के लिए, यूरोपीय संघ का ऑटोमोबाइल टैरिफ 10 प्रतिशत है, जो कि अमेरिकी पैसेंजर कार टैरिफ (2.5 प्रतिशत) से चार गुना अधिक है। ट्रंप लंबे समय से इस असमानता का विरोध कर रहे हैं और अन्य देशों द्वारा अमेरिका पर लगाए गए ऊंचे टैरिफ को अनुचित मानते हैं।

इस नीति के प्रभावों को देखते हुए, व्यापार जगत और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके संभावित परिणामों को बारीकी से देखा जा रहा है।