अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी, लेकिन इस बयान में उन्होंने एक ऐसी गलती कर दी जो अब चर्चा का विषय बन गई है। ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि ब्रिक्स देशों ने डॉलर की बजाय अपनी करेंसी चलाने का प्लान बनाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ब्रिक्स ऐसा करता है, तो अमेरिका उन पर भारी टैरिफ लगाएगा। हालांकि, उनके भाषण का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है क्योंकि उन्होंने ब्रिक्स समूह में स्पेन को शामिल कर दिया, जबकि स्पेन इस संगठन का हिस्सा ही नहीं है।
ब्रिक्स का अर्थ और ट्रंप की चूक
ब्रिक्स (BRICS) समूह में पांच देशों का प्रतिनिधित्व होता है—ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका। इसमें “S” का अर्थ साउथ अफ्रीका है, लेकिन ट्रंप ने इसे स्पेन समझ लिया। भले ही ब्रिक्स का हाल ही में विस्तार हुआ हो, लेकिन स्पेन इसका सदस्य कभी नहीं रहा।
स्पेन, दरअसल, नाटो (NATO) संगठन का हिस्सा है, जिसकी लीडरशिप अमेरिका के पास है। इसके साथ ही स्पेन यूरोपियन यूनियन (EU) का भी सदस्य है।
नाटो और स्पेन पर पत्रकार का सवाल
घटना उस समय हुई जब एक पत्रकार ने ट्रंप से नाटो और स्पेन के बारे में सवाल पूछा। पत्रकार ने बताया कि नाटो के सदस्य देशों के लिए अपने आर्थिक उत्पादन का 2% रक्षा क्षेत्र में खर्च करना अनिवार्य है। लेकिन स्पेन, जो नाटो का एक प्रतिबद्ध सदस्य है, ने बीते साल इस नियम का पालन नहीं किया और केवल 1.28% रक्षा क्षेत्र पर खर्च किया।
ट्रंप ने पहले स्पेन की आलोचना की और कहा कि “स्पेन बहुत नीचे है।” लेकिन अचानक ही उन्होंने ब्रिक्स का जिक्र शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “स्पेन एक ब्रिक्स देश है। क्या आप जानते हैं कि ब्रिक्स देश क्या है? आप इसके बारे में जानिए।” इस बयान ने सबको चौंका दिया।
स्पेन की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप की इस टिप्पणी पर स्पेन ने हैरानी जताई। स्पेन की सरकार की प्रवक्ता और एजुकेशन मिनिस्टर पिलर एलेग्रिया ने कहा, “हमें समझ नहीं आ रहा है कि ट्रंप ने ऐसी टिप्पणी क्यों की। हमें नहीं पता कि यह उनकी भूल थी या फिर जानकारी की कमी। लेकिन इतना तय है कि स्पेन ब्रिक्स का हिस्सा नहीं है।”
स्पेन का नाटो में योगदान
स्पेन ने स्पष्ट किया कि वह पिछले चार दशकों से नाटो का एक प्रतिबद्ध सदस्य रहा है। स्पेन हमेशा से अमेरिकी नेतृत्व को सहयोगी के तौर पर देखता आया है। हालांकि, ट्रंप की टिप्पणी से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या यह सिर्फ एक साधारण गलती थी या उनकी जानकारी में कोई गंभीर खामी है।
ट्रंप की धमकी और संभावित असर
अपने भाषण के दौरान, ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 100% तक टैरिफ लगाने की धमकी भी दी। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स अपनी अलग करेंसी लागू करता है, तो अमेरिका के साथ व्यापार करना उनके लिए बेहद मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि, इस तरह की टिप्पणियां वैश्विक मंच पर ट्रंप की छवि पर सवाल खड़े करती हैं। स्पेन जैसे देश, जो अमेरिका के करीबी सहयोगी हैं, ऐसी गलतियों से असहज महसूस कर सकते हैं।