अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में कटौती करने की वकालत की है। उनके इस बयान को आर्थिक नीति पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठा रहे हैं, जिनमें इंपोर्ट टैरिफ बढ़ाने और टैक्स में छूट का विस्तार करने जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “ब्याज दरों में कटौती की जानी चाहिए। यह आगामी टैरिफ नीति के साथ संतुलन बनाए रखेगा।” उनका यह बयान फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के हाउस फाइनेंशियल सर्विसेज कमेटी के सामने दिए जाने वाले भाषण से पहले आया है, जिससे इसे काफी अहम माना जा रहा है।
फेडरल रिजर्व की मौजूदा नीति
फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने 11 फरवरी को अमेरिकी सीनेट में कहा था कि ब्याज दरों में बदलाव को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने 2024 की पिछली तीन बैठकों में ब्याज दरों में कटौती की थी, लेकिन जनवरी में इसे स्थिर बनाए रखने का फैसला किया गया था।
पॉवेल ने स्पष्ट किया कि वे ट्रंप की आर्थिक नीतियों पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और न ही इस पर प्रतिक्रिया देंगे कि फेडरल रिजर्व इन नीतियों के तहत क्या कदम उठाएगा।
ट्रंप का बदला हुआ रुख
ट्रंप की यह हालिया टिप्पणी उनके पहले दिए गए बयानों से थोड़ी अलग है। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों में वृद्धि न करने का फैसला सही है और मौजूदा समय में इसे स्थिर रखना सबसे बेहतर विकल्प है। लेकिन अब वे खुले तौर पर दरों में कटौती की वकालत कर रहे हैं, जिससे साफ है कि वे अपनी आर्थिक रणनीति को लेकर नए तरीके अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।
ब्याज दरों में कटौती से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को किस तरह का लाभ होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन ट्रंप का यह बयान फेडरल रिजर्व पर दबाव बनाने की एक कोशिश के रूप में जरूर देखा जा रहा है।