अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी: भारत-अमेरिका संबंध खजूर के पेड़ की तरह लचीले और मजबूत रहेंगे

Eric Garcetti 6576b7824e43396af5

अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत और अमेरिका के बीच गहरे और मजबूत रिश्तों पर जोर देते हुए कहा कि इन संबंधों में खजूर के पेड़ जैसा लचीलापन है, जो सबसे भीषण तूफानों और तेज हवाओं का सामना कर सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत-अमेरिका संबंध निरंतर बढ़ते रहेंगे और पूरी दुनिया को लाभ पहुंचाते रहेंगे।

भारत के साहसिक अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों की सराहना

एक कार्यक्रम में बोलते हुए, गार्सेटी ने भारत के अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में साहसिक लक्ष्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आने वाले 30 सालों में भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।

उन्होंने कहा, “भारत की महत्वाकांक्षी नीतियां और लक्ष्य उसे सौर और पवन ऊर्जा क्षमता में अग्रणी बना रहे हैं। यह केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी सस्ती दर पर उत्पादन संभव बना रहा है।”

केरल में नारियल के पेड़ का उदाहरण

गार्सेटी ने केरल के एक होटल का एक अनुभव साझा किया, जहां उनसे एक नारियल का पौधा लगाने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने पूछा कि इस पेड़ से नारियल आने में कितना समय लगेगा, तो उन्हें बताया गया कि इसमें करीब आठ साल लगेंगे।

उन्होंने इस अनुभव को भारत-अमेरिका संबंधों से जोड़ते हुए कहा, “काश हम हर दिन उस नारियल के पेड़ की तरह कुछ नया बो सकें और चीजों को बेहतर बनाने का रास्ता खोजते रहें।”

खजूर के पेड़ जैसी मजबूती

गार्सेटी ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध खजूर के पेड़ जैसे लचीले और मजबूत हैं। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि ये संबंध निरंतर बढ़ते रहेंगे। यह खजूर के पेड़ की तरह है, जिसे न तो सबसे भीषण तूफान गिरा सकता है और न ही सबसे तेज हवाएं उखाड़ सकती हैं।”

चार पी (4P) का मंत्र

भारत-अमेरिका साझेदारी पर गार्सेटी ने चार पी (4P) का मंत्र दिया:

  1. शांति (Peace)
  2. स्थिरता (Stability)
  3. प्लेनेट (Planet)
  4. लोग (People)

उन्होंने कहा कि इन चार पहलुओं पर आधारित संबंध दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और विकास को बढ़ावा देंगे।

भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में निवेश

गार्सेटी ने भारत सरकार के अक्षय ऊर्जा में निवेश की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत, दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में स्वच्छ ऊर्जा में अधिक निवेश कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सौर और पवन ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन, और ऊर्जा भंडारण समाधानों में अरबों डॉलर का हरित निवेश हो रहा है।

अक्षय ऊर्जा में भारत-अमेरिका की साझेदारी

गार्सेटी ने अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी कार्रवाई मंच (RETAP) का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में कई पहलें चल रही हैं, जो आने वाले समय में और मजबूत होंगी।

ट्रंप प्रशासन पर आशंका दूर की

इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन भारत-अमेरिका संबंधों पर उतना ध्यान नहीं देगा। इस पर गार्सेटी ने आश्वासन देते हुए कहा, “चिंता न करें, अमेरिका आपका भागीदार बना रहेगा, चाहे कुछ भी हो। हम सौर और पवन ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा भंडारण समाधानों में निवेश करते रहेंगे।”