वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट

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गुरुवार, 13 फरवरी को संसद के दोनों सदनों—राज्यसभा और लोकसभा—में वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट पेश की गई। लेकिन विपक्षी दलों के सांसदों ने रिपोर्ट में उनकी असहमति वाली टिप्पणियों को शामिल न किए जाने का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और सदन से वॉकआउट कर गए।

लोकसभा में जोरदार विरोध

लोकसभा में जब समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने रिपोर्ट सदन में पेश की, तो विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति को संभालने का प्रयास करते हुए कहा,

“माननीय अध्यक्ष जी, विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई है कि उनकी असहमति को पूरी तरह से रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। मैं मेरी पार्टी की ओर से अनुरोध करता हूं कि संसदीय कार्यप्रणाली के तहत उचित कदम उठाए जाएं। इसमें हमारी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं है।”

इसके जवाब में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया कि विपक्षी सांसदों की असहमति को रिपोर्ट के परिशिष्ट (एनेक्चर) में जोड़ा गया है। लेकिन विपक्ष इस बात से संतुष्ट नहीं हुआ और लगातार विरोध प्रदर्शन करता रहा। अंततः विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

ओवैसी का तीखा हमला

संसद से बाहर मीडिया से बातचीत में AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह वक्फ बिल मुसलमानों को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने कहा,

“यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि उन्हें मुसलमानों के कब्जे से निकालकर नष्ट करने के लिए लाया गया है।”

ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संशोधनों के बाद यह विधेयक और भी खतरनाक हो गया है। उन्होंने सवाल उठाया,

“मुस्लिम वक्फ संपत्ति में गैर-मुस्लिम सदस्य को कैसे शामिल किया जा सकता है? यह असंवैधानिक है और मुसलमानों को उनकी धार्मिक संपत्तियों से दूर करने का प्रयास है।”

उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस विधेयक के जरिए मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों की जमीन छीनने की साजिश कर रही है। ओवैसी ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 29 का उल्लंघन करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि विपक्षी सांसदों की असहमति वाली रिपोर्ट के 70% संपादित अंश शामिल किए जाएंगे।

वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट

महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस का विरोध

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस बिल का विरोध करते हुए कहा,

“बीजेपी सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है। पहले अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठाया, फिर मंदिर-मस्जिद विवाद और अब वक्फ बिल लाकर समाज में बंटवारा करने का प्रयास कर रही है।”

राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विधेयक को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि JPC सदस्यों की असहमति वाली टिप्पणियों को रिपोर्ट से हटाना पूरी तरह से गलत और असंवैधानिक है। उन्होंने कहा,

“अगर असहमति वाली टिप्पणियों को हटाया गया है, तो यह रिपोर्ट फर्जी है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सरकार ने JPC में मनमानी की है और विपक्ष की बात को नजरअंदाज किया है।”