कर्नाटक विधानसभा में हंगामा: मुस्लिम ठेकेदारों को 4% आरक्षण वाले विधेयक पर बवाल, 18 BJP विधायक निलंबित

Pti03 21 2025 000326b 0 17425620

बजट सत्र के अंतिम दिन कर्नाटक विधानसभा में भारी हंगामा

शुक्रवार, 21 मार्च को कर्नाटक विधानसभा में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, जब कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम ठेकेदारों को 4% आरक्षण देने वाला विधेयक पारित कराया। इस फैसले का भाजपा विधायकों ने जबरदस्त विरोध किया और इसे ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए अदालत में चुनौती देने की घोषणा की।

विपक्ष का नाटकीय प्रदर्शन, विधेयक की कॉपी फाड़ी

विधेयक के विरोध में भाजपा विधायक वेल में घुस गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन के दौरान विधेयक की प्रतियां फाड़ी गईं और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया व विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर की ओर उछाली गईं। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई, लेकिन हंगामे के बीच विधेयक पारित हो गया।

18 BJP विधायक निलंबित, मार्शलों ने सदन से बाहर निकाला

अध्यक्ष यूटी खादर ने अनुशासनहीनता और सदन में असम्मानजनक आचरण के आरोप में 18 भाजपा विधायकों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया। निलंबित विधायकों को मार्शलों द्वारा जबरन सदन से बाहर निकाला गया। इन विधायकों को विधानसभा हॉल, लॉबी और गैलरी में प्रवेश करने, समिति की बैठकों में भाग लेने और किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने से रोका गया है।

निलंबित विधायकों की सूची

निलंबित विधायकों में विपक्ष के मुख्य सचेतक डोडानगौड़ा एच पाटिल, अश्वथ नारायण सीएन, एसआर विश्वनाथ, बीए बसवराज, एमआर पाटिल, चन्नबसप्पा (चन्नी), बी सुरेश गौड़ा, उमानाथ ए कोट्यान, शरणु सालगर, शैलेंद्र बेलडाले, सीके राममूर्ति, यशपाल ए सुवर्णा, बीपी हरीश, भरत शेट्टी वाई, मुनिरत्न, बसवराज मट्टीमूद, धीरज मुनिराजू और चंद्रू लमानी शामिल हैं।

विधेयक में क्या है?

नए कानून के अनुसार, मुस्लिम ठेकेदारों को 2 करोड़ रुपये तक के सिविल कार्यों और 1 करोड़ रुपये तक के गुड्स/सर्विसेस के सरकारी ठेकों में 4% आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यकों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया कदम बताया।

भाजपा का आरोप – ‘तुष्टिकरण की राजनीति’

भाजपा ने इस फैसले को ‘खुलेआम तुष्टिकरण की राजनीति’ करार दिया है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कहा कि यह हिंदू ठेकेदारों के साथ भेदभाव है और इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी। भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने एक अन्य मुद्दे पर भी सदन में हंगामा किया और सरकार पर ‘हनी ट्रैप’ मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की।