भारत में डिजिटल पेमेंट काफी तेजी से हो रहा है. यूपीआई के जरिए पेमेंट करना आसान और लोकप्रिय होता जा रहा है. ताजा आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं. मई महीने में यूपीआई ट्रांजेक्शन ने नया रिकॉर्ड बनाया. मई महीने में करीब 20.45 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. (UPI Transaction Record) यह बढ़त अप्रैल के आंकड़े से 6 फीसदी ज्यादा है. अप्रैल महीने के दौरान यूपीआई के जरिए ट्रांजेक्शन में मामूली गिरावट देखने को मिली थी. मार्च महीने में यूपीआई के जरिए कुल 13.44 अरब ट्रांजेक्शन हुए थे. इसकी तुलना में अप्रैल का आंकड़ा करीब 1 फीसदी कम था.
फास्टैग लेनदेन में वृद्धि देखी गई
आपको बता दें, मई में फास्टैग ट्रांजैक्शन का वॉल्यूम 5.7% (MoM) बढ़कर 34.7 करोड़ हो गया, जो अप्रैल में 3.28 करोड़ था। वहीं, मई में फास्टैग ट्रांजैक्शन का वैल्यू 5.6% (MoM) बढ़कर 5908 करोड़ हो गया, जो अप्रैल में 5,592 था। पिछले साल के आंकड़ों की बात करें तो मई 2023 से मई 2024 तक वॉल्यूम 4 फीसदी आगे है और वैल्यू 9 फीसदी है। इसके अलावा पेटीएम का ट्रांजैक्शन वॉल्यूम 9% (MoM) घटकर 111.7 करोड़ हो गया।
यूपीआई को वैश्विक बनाने की योजना
RBI और NPCI UPI को दूसरे देशों में ले जाने पर भी ध्यान दे रहे हैं। RBI, NPCI UPI को सिर्फ़ भारत तक सीमित नहीं रखना चाहते, वे इसे विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए भी सुविधाजनक बनाना चाहते हैं। RBI का लक्ष्य कम से कम 20 दूसरे देशों में UPI का इस्तेमाल करना है। इस दिशा में पहले ही सफलता मिल चुकी है और श्रीलंका, नेपाल और UAE समेत कई देशों में UPI के ज़रिए लेन-देन शुरू हो चुका है।
मासिक डेटा की जाँच करें
- मई में फास्टैग लेनदेन की मात्रा 5.7% (MoM) बढ़कर 34.7 करोड़ हो गई
- मई में फास्टैग लेनदेन का मूल्य 5.6% (MoM) बढ़कर 5908 करोड़ हो गया
- आरबीआई और एनपीसीआई का यूपीआई को अन्य देशों में भी ले जाने पर ध्यान
- पेटीएम का लेनदेन वॉल्यूम 9% (मासिक) घटकर 111.7 करोड़ रह गया
- यूपीआई बाजार हिस्सेदारी (लेनदेन मात्रा के अनुसार)
- फ़ोन पे : 48.86%
- गूगल पे : 37.7%
- पेटीएम : 8.4%