UPI Tips: लोन लेना UPI के जरिए पेमेंट करने जितना होगा आसान, RBI ने किया इंतजाम

अभी लोन लेने की प्रक्रिया अभी भी बहुत जटिल है। आपको तमाम कागजी कार्रवाई पूरी करनी होती है। आपको रोजाना बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन, सरकार अब इस प्रक्रिया को बेहद आसान बनाने जा रही है। रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पेमेंट ऐप UPI की तरह यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) प्लेटफॉर्म लाने का ऐलान किया है।

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आरबीआई ने पिछले साल (अगस्त 2023) घर्षण रहित ऋण यानी आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए एक तकनीकी प्लेटफॉर्म का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। एक साल के पायलट प्रोजेक्ट के दौरान, केंद्रीय बैंक ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण, डेयरी ऋण, एमएसएमई ऋण, व्यक्तिगत ऋण और गृह ऋण पर ध्यान केंद्रित किया, जिनकी उच्च मांग है।

उपभोक्ताओं को क्या फायदा होगा?
अभी भी कई ऐप तुरंत लोन देने का दावा करते हैं। लेकिन, इन पर RBI का नियंत्रण बहुत सीमित है। इन ऐप्स पर कई बार मनमानी और मानसिक उत्पीड़न के आरोप भी लगते हैं। लेकिन, अगर RBI ULI प्लेटफॉर्म वाले ऐप्स पर सीधी नज़र रखे तो किसी गड़बड़ी की गुंजाइश भी कम होगी। इससे लोन अप्रेजल बहुत आसान हो जाएगा, खासकर ग्रामीण और छोटे उपभोक्ताओं के लिए।

लोन लेना कैसे होगा आसान?
यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) से लोन लेने की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इसे क्रेडिट प्रोसेसिंग में लगने वाले समय और कागजी कार्रवाई को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ओपन आर्किटेक्चर को ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) के साथ जोड़ता है। इसकी वजह से वित्तीय संस्थान आसानी से ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल में शामिल हो सकते हैं।

ULI प्लेटफॉर्म कैसे काम करेगा?
ULI ऐप आधार, ई-केवाईसी, राज्य सरकार के भूमि रिकॉर्ड, पैन सत्यापन और अकाउंट एग्रीगेटर सहित विभिन्न स्रोतों से डेटा एकत्र करेगा। इसे डेयरी सहकारी समितियों से दूध के डेटा और घर या संपत्ति खोज डेटा जैसी सेवाओं से भी जोड़ा जाएगा। जिस तरह आप UPI में सिर्फ़ पिन डालकर भुगतान करते हैं, उसी तरह अगर आप पात्र हैं तो पिन डालकर लोन ले सकेंगे।

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क्या यूपीआई की तरह यूएलआई भी सफल होगा?
अप्रैल 2016 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) लॉन्च किया गया था। अपने 8 साल के सफर में यूपीआई ने डिजिटल पेमेंट की दुनिया को बदल दिया है। आपको पान की दुकानों से लेकर सब्जी के ठेलों तक हर जगह क्यूआर कोड स्कैनर लगे हुए मिल जाएंगे। कई दूसरे देशों ने भी यूपीआई मॉडल को अपनाया है। यूपीआई की सफलता को दोहराने के लिए यूएलआई को भी यूजर्स को वैसा ही अनुभव देना होगा।