नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात और दूसरे खाड़ी देशों में काफी संख्या में भारतीय रहते हैं. साथ ही इन देशों में काफी संख्या में भारतीय पर्यटक भी जाते हैं. अब इन पर्यटकों के लिए वहां भुगतान करना काफी आसान हो जाएगा. दरअसल, अब मध्य पूर्व के देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यूपीआई (QR-आधारित यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए आसानी से भुगतान किया जा सकेगा. इसके लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की अंतरराष्ट्रीय शाखा एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने मध्य पूर्व और अफ्रीका की बड़ी डिजिटल कॉमर्स कंपनी नेटवर्क इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की है.
भुगतान कैसे किया जाएगा?
एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला का कहना है कि अब यूएई में भारतीय यात्री या एनआरआई पॉइंट ऑफ सेल मशीनों के जरिए क्यूआर कोड के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) भुगतान कर सकेंगे। उनका कहना है कि यूएई के व्यापारियों के बीच यूपीआई भुगतान की बढ़ती स्वीकार्यता न केवल भारतीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभिनव डिजिटल भुगतान समाधानों को भी बढ़ावा मिलेगा।
लाखों भारतीय वहां पहुंचते हैं
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारतीय यात्रियों की संख्या 98 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इस साल अकेले यूएई में करीब 53 लाख भारतीयों के पहुंचने की उम्मीद है। भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल मिलकर वैश्विक मंच पर यूपीआई को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। अब वहां यूपीआई पेमेंट सिस्टम के काम करने से भारतीयों के लिए यह और भी सुविधाजनक हो जाएगा।
यूपीआई भारत के बाहर कई देशों में काम करता है
फिलहाल भारत के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मॉरीशस, यूएई, सिंगापुर, फ्रांस और भूटान में यूपीआई से भुगतान किया जा सकता है। यूपीआई से डिजिटल भुगतान आसान होने के कारण इसके जरिए होने वाले लेन-देन की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है।
अरबों लेन-देन हो रहे हैं
एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक जून में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लेनदेन की संख्या 13.9 बिलियन रही। सालाना आधार पर इसमें 49 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। इस दौरान यूपीआई के जरिए प्रतिदिन औसत लेनदेन की संख्या 463 मिलियन रही और औसत लेनदेन राशि 66,903 करोड़ रुपये प्रतिदिन रही। यूपीआई लेनदेन में बढ़ोतरी की वजह रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से लिंक करना और विदेशों में भी यूपीआई की शुरुआत होना है।