
2024 की दूसरी छमाही (जुलाई से दिसंबर) में भारत में डिजिटल पेमेंट्स, खासकर मोबाइल और UPI लेनदेन में बड़ी तेजी देखने को मिली। वर्ल्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान ट्रांजेक्शन वॉल्यूम और वैल्यू दोनों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
कीवर्ड्स:
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भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2024 की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) के दौरान मोबाइल फोन के माध्यम से किए गए भुगतान में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई। वर्ल्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में मोबाइल से किए गए कुल लेनदेन की संख्या 41 प्रतिशत बढ़कर 88.54 अरब हो गई, जबकि उनकी कुल वैल्यू 30 प्रतिशत बढ़कर 197.69 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने दिखाई मजबूती
रिपोर्ट बताती है कि यह तेजी मुख्य रूप से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), मोबाइल पेमेंट्स और कार्ड्स के उपयोग में बढ़ोतरी के कारण आई है। डिजिटल पेमेंट के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, जैसे पीओएस टर्मिनल और क्यूआर कोड, में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
दिसंबर 2024 तक यूपीआई क्यूआर कोड की संख्या बढ़कर 63.34 करोड़ हो गई, जबकि पीओएस टर्मिनलों की संख्या 23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक करोड़ के पार पहुंच गई।
व्यापारी लेनदेन में रिकॉर्ड वृद्धि
पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेनदेन ने भी बड़ी छलांग लगाई। इस श्रेणी में ट्रांजेक्शन की संख्या 50 प्रतिशत बढ़कर 58.03 अरब और वैल्यू 43 प्रतिशत बढ़कर 36.35 लाख करोड़ रुपये हो गई।
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ा, डेबिट कार्ड में गिरावट
कार्ड पेमेंट्स की बात करें तो 2024 की दूसरी छमाही में कुल ट्रांजेक्शन 11 प्रतिशत बढ़कर 4.1 अरब हो गए। यह वृद्धि मुख्य रूप से क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी के कारण हुई। क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन की संख्या 2.42 अरब रही। दूसरी ओर, डेबिट कार्ड से लेनदेन में 29 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और यह संख्या 0.82 अरब रही। प्रीपेड कार्ड से ट्रांजेक्शन 11 प्रतिशत बढ़कर 0.86 अरब तक पहुंच गया।
क्रेडिट कार्ड से 10.76 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन
समीक्षा अवधि में कार्ड से कुल लेनदेन का मूल्य 8 प्रतिशत बढ़कर 13.64 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिसमें से 10.76 लाख करोड़ रुपये केवल क्रेडिट कार्ड से हुए।
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) में तेजी
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। दिसंबर 2024 तक कुल 10.3 करोड़ टैग जारी किए गए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक हैं। ट्रांजेक्शन की संख्या 9 प्रतिशत बढ़कर 2.05 अरब और उनकी वैल्यू 12 प्रतिशत बढ़कर 35,637 करोड़ रुपये हो गई।
निजी बैंकों की भागीदारी अहम
रिपोर्ट में बताया गया कि देश में भुगतान स्वीकृति के लिए आवश्यक ढांचे का तेजी से विस्तार हो रहा है। पीओएस टर्मिनलों में निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी 82.2 प्रतिशत है, जो इस बदलाव को मजबूती से आगे बढ़ा रही है।
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