UP Politics : अखिलेश ने आज़म खान को धोखा दिया, बरेली के मौलाना ने दी नई पार्टी बनाने की सलाह

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News India Live, Digital Desk: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म खान की 23 महीने बाद जेल से रिहाई होते ही उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है. एक तरफ जहां सपा कार्यकर्ता उनके स्वागत में जश्न मना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अब उन्हें लेकर बयानबाज़ी और सलाह का दौर भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बरेली के एक প্রভাবশালী मौलाना ने सीधे-सीधे अखिलेश यादव पर निशाना साधा है और आज़म खान को अपनी नई पार्टी बनाने तक की सलाह दे डाली है.

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने आज़म खान की रिहाई पर खुशी जताते हुए समाजवादी पार्टी और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आज़म खान के जेल में रहने के दौरान अखिलेश यादव ने उनकी कोई सुध नहीं ली और उन्हें पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया.

"मुसलमानों ने जिसे पाला, उसी ने धोखा दिया"

मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने एक बयान जारी कर कहा, "उत्तर प्रदेश के मुसलमानों ने जिस समाजवादी पार्टी को खून-पसीने से सींचा और जिसे सत्ता तक पहुंचाया, उसी पार्टी के अध्यक्ष ने मुसलमानों के सबसे बड़े नेता (आज़म खान) के साथ धोखा किया. जब आज़म खान जेल की सलाखों के पीछे अपनी ज़िंदगी के सबसे बुरे दौर से गुज़र रहे थे, तब अखिलेश यादव ने उनसे मुँह मोड़ लिया."

मौलाना का गुस्सा यहीं नहीं थमा. उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने सिर्फ़ आज़म खान को ही नहीं, बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय को निराश किया है.

अब अपनी पार्टी बनाएं आज़म खान: मौलाना की सलाह

मौलाना शहाबुद्दीन ने आज़म खान को सलाह दी है कि अब उन्हें समाजवादी पार्टी से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लेने चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरी आज़म खान साहब को नेक सलाह है कि अब वो सपा को हमेशा के लिए छोड़ दें और अपनी एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएं. उत्तर प्रदेश का मुसलमान उनके साथ चट्टान की तरह खड़ा होगा. हम सब मिलकर उन्हें यूपी का मुख्यमंत्री बनाएंगे."

यह बयान ऐसे समय में आया है जब आज़म खान के अगले राजनीतिक कदम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आज़म खान और अखिलेश यादव के बीच रिश्तों में आई खटास की खबरें पहले भी आती रही हैं. अब मौलाना के इस खुले बयान ने इस चर्चा को और हवा दे दी है. अब देखना यह होगा कि जेल से बाहर आने के बाद आज़म खान क्या वाकई कोई बड़ा फैसला लेते हैं, या फिर "नेताजी" (मुलायम सिंह यादव) के साथ अपने पुराने रिश्तों का सम्मान करते हुए सपा में ही बने रहते हैं.

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