UP मदरसा एक्ट: यूपी मदरसा एक्ट को लेकर बड़ी खबर, SC ने सुनाया फैसला

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यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट 2004 पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने मदरसा एक्ट की वैधता को बरकरार रखा है. इसके साथ ही हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी गई है. इससे पहले 5 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी. केंद्र और यूपी सरकार से भी जवाब मांगा गया.

हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया 

सीजेआई का कहना है कि यूपी मदरसा एक्ट संविधान का उल्लंघन नहीं है. हाई कोर्ट का फैसला सही नहीं था. यूपी में चल रहे 16 हजार मदरसों को राहत मिली है. मदरसा चलता रहेगा. बता दें कि यूपी में मदरसों की कुल संख्या करीब 23,500 है. इनमें से 16,513 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं। इसका मतलब है कि वे सभी पंजीकृत हैं। इसके अलावा करीब 8000 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं. 

मामले को SC में चुनौती दी गई 

22 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले से 17 लाख छात्र प्रभावित होंगे. छात्रों को दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करने का निर्देश देना उचित नहीं है। देश में धार्मिक शिक्षा कभी अभिशाप नहीं रही। बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी परिडवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने 22 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. मदरसा अज़ीज़िया इजाजुतुल उलूम के प्रबंधक अंजुम कादरी और अन्य ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.

 

 

 

यूपी सरकार ने क्यों कराया सर्वे? 

बता दें कि यूपी सरकार को सामाजिक संगठनों और सुरक्षा एजेंसियों से जानकारी मिली थी कि यहां अवैध रूप से मदरसे चलाए जा रहे हैं. उसके आधार पर उत्तर प्रदेश परिषद एवं अल्पसंख्यक मंत्री ने एक सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया। इसके बाद हर जिले में 5 सदस्यों की एक टीम बनाई गई. इसमें जिला अल्पसंख्यक अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक शामिल हैं।

सर्वे में 8441 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त

मदरसे का सर्वे 10 सितंबर 2022 से 15 नवंबर 2022 तक किया गया था. बाद में समय सीमा 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई। सर्वे में राज्य में करीब 8441 मदरसे ऐसे मिले, जिन्हें मान्यता नहीं मिली है. सबसे ज्यादा 550 मदरसे मुरादाबाद में, 350 बस्ती में और 240 मदरसे मुजफ्फरनगर में अवैध पाए गए।

राजधानी लखनऊ के 100 मदरसों को मान्यता नहीं मिली है. इसके अलावा, प्रयागराज-मऊ में 90, आज़मगढ़ में 132 और कानपुर में 85 से अधिक मदरसे बिना मान्यता के पाए गए।

सरकार के मुताबिक, राज्य में फिलहाल 15,613 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. अक्टूबर 2023 में यूपी सरकार ने मदरसे की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. एसआईटी मदरसों को दिए गए विदेशी फंड की जांच कर रही है.

 

क्या है यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट?

यूपी मदरसा बोर्ड शिक्षा अधिनियम 2004 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पारित एक कानून था। जिसे राज्य में मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बनाया गया था। इस कानून के तहत न्यूनतम मानकों को पूरा करने पर मदरसों को बोर्ड द्वारा मान्यता दी जाती थी। 

मदरसा अधिनियम का उद्देश्य?

यूपी मदरसा बोर्ड शिक्षा अधिनियम का उद्देश्य मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और इसे आधुनिक शिक्षा प्रणाली के साथ एकीकृत करना है। इसके अलावा इसका उद्देश्य छात्रों को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करना भी है। हालाँकि, इस कानून का विरोध भी किया गया है। कुछ लोगों का मानना ​​है कि यह कानून मदरसों को धर्मनिरपेक्ष शिक्षा प्रदान करने से रोकता है।