कानपुर। कानपुर की फास्ट ट्रैक कोर्ट-41 की न्यायाधीश श्रद्धा त्रिपाठी ने दुष्कर्म के एक मामले में मेडिकल स्टोर संचालक गोविंद द्विवेदी को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी पर 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की 75 प्रतिशत राशि पीड़िता को दी जाएगी।
14 साल पुराना मामला, 2011 में हुआ था अपराध
यह मामला साल 2011 का है। कानपुर के सचेंडी इलाके के निवासी गोविंद द्विवेदी मेडिकल स्टोर चलाते थे।
- पीड़िता, जो गोविंद के मेडिकल स्टोर पर काम करती थी, ने आरोप लगाया कि गोविंद ने उसे नशीली दवा पिलाकर दुष्कर्म किया।
- पीड़िता के अनुसार, गोविंद ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को बताया तो वह तेजाब फेंक देगा।
- आरोपी की धमकी से डरकर पीड़िता ने चुप्पी साध ली थी।
आरोपी ने जबरन की थी शादी
घटना के कुछ समय बाद, नवंबर 2011 में, गोविंद ने पीड़िता को जबरन आर्य समाज मंदिर ले जाकर शादी कर ली।
- गोविंद पहले से ही शादीशुदा था और उसकी 13 साल की बेटी भी थी।
- पीड़िता के पिता ने आईजी से शिकायत कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
- 23 अप्रैल 2012 को आईजी के आदेश पर सचेंडी थाने में गोविंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
पत्नी ने दी कोर्ट में गवाही, कहा- मेरी मर्जी से हुई थी दूसरी शादी
सुनवाई के दौरान, आरोपी की पत्नी ने अदालत में गवाही दी कि उसने पति को दूसरी शादी की अनुमति दी थी।
- गोविंद ने कोर्ट में दावा किया कि उसे बेटा नहीं था, इसलिए पहली पत्नी की सहमति से उसने दूसरी शादी की।
- उसने यह भी कहा कि वह निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है।
कोर्ट का फैसला: 10 साल की सजा और जुर्माना
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जितेंद्र पांडेय ने बताया कि अदालत में कुल 9 गवाह पेश किए गए।
- साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने गोविंद को 10 साल की सजा सुनाई।
- साथ ही, 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्याय का संदेश
यह मामला यह स्पष्ट करता है कि कानून के तहत अपराधियों को उनके किए की सजा मिलती है, चाहे वे कितनी भी सफाई क्यों न दें। अदालत के इस फैसले से पीड़िता को न्याय मिला और यह समाज के लिए एक सख्त संदेश भी है।