लालू परिवार में मचे घमासान का यूपी कनेक्शन, पूर्व सांसद के दामाद बन रहे हैं विवाद की असली वजह?
News India Live, Digital Desk : बिहार की सियासत और लालू प्रसाद यादव के परिवार में मचा घमासान अब किसी से छिपा नहीं है। कभी भाइयों में सत्ता की खींचतान तो कभी रिश्तों में दरार की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं। लेकिन अब इस पारिवारिक कलह के पीछे एक बड़ा 'यूपी कनेक्शन' सामने आ रहा है, जिसने बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक की राजनीति में हलचल मचा दी है।
सूत्रों की मानें तो लालू परिवार के अंदरूनी विवाद की असली वजह कोई और नहीं, बल्कि यूपी के एक कद्दावर नेता और पूर्व सांसद के दामाद हैं, जिनका परिवार में दखल बढ़ता ही जा रहा है। यही दखलअंदाजी अब भाइयों के बीच मनमुटाव का कारण बन रही है।
कौन हैं ये पूर्व सांसद के दामाद?
यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद स्वर्गीय धर्मेन्द्र यादव के दामाद हैं। इनकी शादी लालू प्रसाद यादव की एक बेटी से हुई है। कहा जा रहा है कि पर्दे के पीछे से अब यही पूरे परिवार के रणनीतिक और राजनीतिक फैसले ले रहे हैं।
विवाद की जड़ क्या है?
इस पूरे विवाद के केंद्र में तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव के बीच सत्ता का संघर्ष तो है ही, लेकिन अब इस 'यूपी कनेक्शन' ने आग में घी डालने का काम किया है।
- तेजस्वी पर बाहरी प्रभाव: खबरें हैं कि तेजस्वी यादव अब अपने परिवार के सदस्यों से ज़्यादा अपने इस 'यूपी वाले जीजा' की सलाह पर चल रहे हैं। पार्टी के टिकट बंटवारे से लेकर संगठन के बड़े फैसलों तक में उनकी राय को तवज्जो दी जा रही है।
- तेज प्रताप और मीसा भारती की अनदेखी: परिवार में इस नए 'पावर सेंटर' के उभरने से तेज प्रताप यादव और बड़ी बहन मीसा भारती खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि पार्टी और परिवार के फैसलों में उनकी राय को नजरअंदाज किया जा रहा है।
- पुरानी वफादारों में नाराजगी: सिर्फ परिवार ही नहीं, बल्कि आरजेडी (RJD) के कई पुराने और वफादार नेता भी इस नई व्यवस्था से खुश नहीं हैं। उन्हें भी लगता है कि पार्टी की कमान अब ऐसे व्यक्ति के हाथ में जा रही है, जिसका बिहार की जमीनी राजनीति से कोई सीधा वास्ता नहीं है।
क्यों है यह मामला इतना गंभीर?
यह विवाद सिर्फ एक पारिवारिक झगड़ा नहीं है, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक मायने भी हैं। आरजेडी जैसी पार्टी, जिसकी नींव ही परिवार पर टिकी है, उसमें अगर कोई 'बाहरी' ताकत इतनी प्रभावशाली हो जाए, तो यह पार्टी के भविष्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है। यह दिखाता है कि लालू यादव के बाद पार्टी पर नियंत्रण को लेकर परिवार के अंदर कितनी बड़ी खींचतान चल रही है।
फिलहाल लालू परिवार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सियासी गलियारों में यह 'यूपी कनेक्शन' चर्चा का सबसे गर्म विषय बना हुआ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पारिवारिक लड़ाई आगे चलकर क्या नया मोड़ लेती है।
--Advertisement--