12 साल के लंबे इंतजार के बाद महाकुंभ 2025 का आगाज हो गया है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार से शुरू हुए इस पवित्र आयोजन में करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर डुबकी लगाने के लिए उमड़ रहे हैं। अनुमान है कि पहले ही दिन, 13 जनवरी, को करीब 1 करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे। इस ऐतिहासिक मेले के लिए सुरक्षा और व्यवस्थाओं को बेहद सख्त और तकनीकी रूप से उन्नत बनाया गया है।
भव्य आयोजन की सुरक्षा में हाई-टेक इंतजाम
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैमरे और अंडरवॉटर ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सुरक्षा की मुख्य विशेषताएं:
- पुलिसकर्मियों की तैनाती:
- 40,000 पुलिसकर्मी और साइबर क्राइम एक्सपर्ट तैनात।
- 71 इंस्पेक्टर, 234 सब-इंस्पेक्टर और 645 कांस्टेबल समेत हजारों जवान प्रयागराज और इसके आसपास के इलाकों में तैनात हैं।
- सशस्त्र पुलिस और अर्धसैनिक बल महत्वपूर्ण स्थानों पर निगरानी कर रहे हैं।
- AI और ड्रोन निगरानी:
- 2,700 AI कैमरे और 113 अंडरवॉटर ड्रोन मेले की निगरानी कर रहे हैं।
- ये उपकरण भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन स्थिति में सहायता करेंगे।
- सुरक्षा चेकपॉइंट्स:
- सात प्रमुख रास्तों पर 102 चेकपॉइंट बनाए गए हैं।
- हर व्यक्ति और वाहन की सघन जांच की जा रही है।
- मॉक ड्रिल और विशेष बलों की तैनाती:
- एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS), नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और प्रोविंशियल आर्म्ड कॉन्स्टेब्युलरी (PAC) ने सुरक्षा तैयारियों की मॉक ड्रिल की।
मेले का क्षेत्रफल और व्यवस्थाओं में अभूतपूर्व विस्तार
इस बार महाकुंभ का आयोजन पहले से कहीं बड़ा और भव्य है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 2019 में हुए कुंभ की तुलना में 2025 के महाकुंभ का क्षेत्रफल, सुविधाएं और व्यवस्थाएं कई गुना बढ़ा दी गई हैं।
मुख्य विशेषताएं:
- मेला क्षेत्र का विस्तार:
- 2019 में मेला 3,200 हेक्टेयर में फैला था, जबकि इस बार यह 4,000 हेक्टेयर तक बढ़ाया गया है।
- मेला क्षेत्र को 20 सेक्टरों से बढ़ाकर 25 सेक्टरों में बांटा गया है।
- घाटों की लंबाई में वृद्धि:
- 2019 में घाटों की लंबाई 8 किलोमीटर थी, जो इस बार बढ़ाकर 12 किलोमीटर कर दी गई है।
- पार्किंग सुविधाओं का विस्तार:
- 2019 में पार्किंग क्षेत्र 1,291 हेक्टेयर में था, जबकि अब इसे 1,850 हेक्टेयर तक बढ़ाया गया है।
- बजट और खर्च:
- 2019 के कुंभ पर 3,500 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि इस बार यह बजट दोगुना होकर 7,000 करोड़ रुपये हो गया है।
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध
प्रमुख सुरक्षा मार्ग:
पूर्वांचल के गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़ और गाजीपुर से श्रद्धालु जौनपुर होकर प्रयागराज पहुंच रहे हैं।
- गौराबादशाहपुर से मुंगरा बादशाहपुर तक: इन मार्गों पर सशस्त्र पुलिस और यातायात पुलिस की तैनाती की गई है।
- मेले तक आने वाले सभी मार्गों को सुरक्षित और सुगम बनाया गया है।
आधुनिक तकनीक का उपयोग:
- मेले की निगरानी के लिए पानी के भीतर काम करने वाले ड्रोन और AI-लैस कैमरों का उपयोग किया जा रहा है।
- कैमरे हर सेक्टर में भीड़ का विश्लेषण करेंगे और आपातकालीन स्थितियों से निपटने में मदद करेंगे।
श्रद्धालुओं की संख्या और आयोजन का महत्व
मुख्य सचिव के अनुसार, 2019 के कुंभ में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे, जबकि इस बार 35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
- यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार के लिए अपनी व्यवस्थागत क्षमताओं को प्रदर्शित करने का भी मौका है।
महाकुंभ 2025: जन-आस्था का महोत्सव
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और संगठनात्मक क्षमता का भी प्रतीक है। श्रद्धालुओं की संख्या, सुविधाओं और सुरक्षा के अद्वितीय प्रबंध इसे पहले से अधिक भव्य और यादगार बना रहे हैं।
“यदि आप इस पावन अवसर पर प्रयागराज जा रहे हैं, तो सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।”