देवकीनंदन महाराज ने संयुक्त राष्ट्र सचिव को लिखा पत्र, कहा बांग्लादेश सरकार विफलमुस्लिमों की हर घटना बनती सुर्खियाँ, हिंदुओं के प्रति हिंसा पर विश्व मौन क्यों ? : देवकीनंदन महाराज
मथुरा, 04 दिसम्बर(हि.स.)। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक सनातनी हिंदुओं के ऊपर किये जा रहे हमलों एवं अत्याचारों पर विश्व समुदाय को ध्यान आकृष्ट करने की अपील की जा रही है । हिंदू धर्मगुरू एवं सनातन न्यास फाउन्डेशन अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने पिछले कुछ माह से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा किये जा रहे लगातार हमलों पर हस्तक्षेप के लिये संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरस को सम्बोधित पत्र में देवकीनंदन महाराज ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अगस्त माह से अब तक जारी जानलेवा हमलों, आगजनी एवं महिलाओं तथा बच्चियों पर बर्बरता पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा हस्तक्षेप करने की अपील की है। इससे पूर्व देवकीनंदन महाराज ने बांग्लादेश में हिंदुओं की आवाज उठाने वाले इस्कान संस्था से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का विरोध करते हुये पैदल मार्च निकाला था।
बुधवार को वृन्दावन के प्रियाकान्तजु मंदिर पर जानकारी देते हुये सनातन न्यास फाउन्डेश सचिव विजय शर्मा ने बताया कि संयुक्त राष्ट संघ को ट्विट एवं पोस्ट के माध्यम से पत्र भेजा गया है। बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति की जा रही हिंसा चिंताजनक है। इस पर भारत सरकार को भी जल्द से जल्द कार्यवाही करते हुये रोक लगवानी चाहिये। यूएन को लिखे पत्र में बांग्लादेश में अगस्त 2024 के दौरान ही 69 हिंदू मंदिरों सहित अल्पसंख्यकों पर हमलों की 2010 घटनाओं का जिक्र किया गया है। जिनमें कट्टर मुस्लिम संगठनों द्वारा 231 घर-दुकानों में की गयी आगजनी, लूट शामिल है। अब भी हिंदू परिवारों के प्रति हिंसा का दौर जारी है। ये घटनाएँ बांग्लादेश सरकार की विफलता और मानवता के प्रति अपराध प्रदर्शित करती हैं।
वाराणसी में भागवत कथा कह रहे देवकीनंदन महाराज ने बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हिंसा पर तत्काल समाधान करने और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा दखल दिये जाने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि किसी देश में मुस्लिम समुदाय के साथ की प्रत्येक घटना विश्व की सुर्खिया बन जाती हैं लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ मुस्लिम कट्टरपंथियों की हिंसा पर सभी आँखें मूंद लेते हैं। सनातन बोर्ड के गठन के बाद ही ऐसी व्यवस्था होगी कि विश्व के किसी भी देश में हिंदुओं के सहयोग के लिये भारत में एक तंत्र संवैधानिक रूप से मौजूद होगा।