कल यानी 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का आर्थिक बजट पेश करेंगी। इस बजट पर विशेष रूप से मध्यम वर्ग की नजर है। जनता उत्सुकता से इंतजार कर रही है कि वित्त मंत्री के पोर्टफोलियो से क्या निकलेगा। इस बजट में करों से लेकर टैरिफ तक मध्यम वर्ग की चिंताएं शामिल हैं। इस बार संभावना है कि सरकार टैक्स और महंगाई के मुद्दों पर जनता को राहत देगी।
क्या करों और मुद्रास्फीति में राहत मिलेगी?
नई व्यवस्था के तहत सरकार 10 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर-मुक्त कर सकती है। इसलिए बजट में 15 लाख से 20 लाख रुपये तक की आय को 30 प्रतिशत के बजाय 25 प्रतिशत के नए स्लैब में लाने का प्रस्ताव भी हो सकता है। इसके अलावा नई व्यवस्था में मूल छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की भी घोषणा की जा सकती है। यह निर्णय नई कर व्यवस्था को स्वीकार करने को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। सीआईआई की सिफारिश पर विचार करने पर सरकार महंगाई का बोझ भी कम कर सकती है। सरकार उत्पाद शुल्क में भी कटौती कर सकती है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आने की संभावना है। वित्त मंत्री कल पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी का भी ऐलान कर सकती हैं। पीएम किसान सम्मान निधि की राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है। अब तक इस योजना के तहत 9 करोड़ किसानों को तीन किस्तों में 2-2 हजार रुपये हस्तांतरित किये जा चुके हैं। सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए सीआईआई की सिफारिशों के आधार पर एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति भी ला सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटर्नशिप के नए रास्ते भी खोले जा सकते हैं। स्वास्थ्य बजट भी बढ़ सकता है। इससे लोगों को घर खरीदने के लिए सस्ती दरें भी मिलेंगी। साथ ही मोबाइल फोन को सस्ता बनाने के लिए उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े पार्ट्स पर आयात शुल्क कम करने पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।