अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत के बाद यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की चर्चा हो रही है। इस बीच, यूक्रेनी सरकार ने उन शर्तों की तैयारी शुरू कर दी है जिनके तहत समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। ज़ेलेंस्की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अपनी बैठक में ये शर्तें रखेंगे। ट्रम्प जल्द ही ज़ेलेंस्की से मुलाकात करेंगे।
यूक्रेन किन शर्तों के तहत समझौते पर सहमत होगा?
यूक्रेन भूमि, सैन्य और नाटो सदस्यता पर समझौता करने के मूड में नहीं है। रूस ने यूक्रेन के लगभग 6 प्रांतों पर कब्ज़ा कर लिया है। यूक्रेन यह सब वापस पाने का प्रयास कर रहा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक बैठक के दौरान ये शर्तें रख सकते हैं। यूक्रेनी अखबार द कीव इंडिपेंडेंट के अनुसार, यूक्रेन ने सबसे पहले यह निर्णय लिया है कि वह कब्जे वाली भूमि को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देगा। इसका मतलब यह है कि यूक्रेन उस भूमि को मान्यता नहीं देगा जिस पर रूस ने अब तक युद्ध के माध्यम से कब्जा कर लिया है। रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया, खेरसॉन, ज़ापोरिज़िया, डोनेट्स्क और लुगांस्क ओब्लास्ट्स पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन इन प्रान्तों को वापस पाने का प्रयास कर रहा है। यूक्रेन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि ज़ेलेंस्की अपने कुर्स्क ओब्लास्ट को रूस को वापस करके अपना प्रांत वापस पा सकते हैं। विपक्षी नेता वोलोदिमीर आर्येव के हवाले से कहा गया है कि यूक्रेन दो मुद्दों पर समझौता नहीं कर सकता। पहला, सैन्य अभ्यास जारी रखने और हथियारों की संख्या बढ़ाने पर प्रतिबंध से संबंधित है। यूक्रेन को डर है कि रूस ऐसे प्रतिबंध लगाकर उसके साथ खेल खेल सकता है। यूक्रेन भी भूमि मुद्दे पर समझौता करने के मूड में नहीं है। इसका मतलब यह है कि समझौता होगा या नहीं, और यदि होगा तो कब, यह इन दो शर्तों पर रूस के रुख से निर्धारित होगा।
नाटो सदस्यता पर यूक्रेन यही चाहता है
नाटो सदस्यता रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत का सबसे बड़ा कारण थी। यूक्रेन नाटो की सदस्यता चाहता था, जो रूस को अस्वीकार्य था। अब कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प इस मामले में परेशानी खड़ी कर सकते हैं। यूक्रेन चाहता है कि अमेरिका इस समय नाटो के बारे में कोई घोषणा न करे। यदि अमेरिका यह कहता है कि वह यूक्रेन को नाटो की सदस्यता नहीं देगा तो उसे पूरी दुनिया के सामने शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी। ज़ेलेंस्की फिलहाल इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनके अपने देश में उनके खिलाफ माहौल न बने।