डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ समारोह से पहले यूक्रेन अलर्ट, तेज किया ‘नरक मिसाइल’ का उत्पादन

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यूक्रेन की रणनीति: सैन्य ताकत बढ़ाने पर जोर

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण से पहले यूक्रेन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। यूक्रेन की सरकार अपनी सैन्य ताकत और हथियार भंडार को मजबूत करने में जुट गई है। स्थानीय समाचार आउटलेट प्राव्दा के अनुसार, कीव ने अपनी पेक्लो मिसाइल के उत्पादन की गति तेज कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीते तीन महीनों में यूक्रेन ने 100 से अधिक पेक्लो मिसाइलें तैयार कर ली हैं।

पेक्लो, जिसका अर्थ यूक्रेनी भाषा में ‘नरक’ होता है, रूस के खिलाफ खतरनाक हमले के लिए यूक्रेन का प्रमुख हथियार बनता जा रहा है।

ट्रम्प प्रशासन को लेकर यूक्रेन की चिंता

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को आशंका है कि डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की सैन्य सहायता को रोक सकता है। इसी चिंता के चलते कीव ने अपनी सैन्य उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है।

जेलेंस्की ने घोषणा की है कि उनका लक्ष्य 2025 तक 1,000 क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करना है। पेक्लो मिसाइल इस योजना का अहम हिस्सा है।

क्या है ‘नरक मिसाइल’ (पेक्लो)?

  • पेक्लो मिसाइल शुरुआत में ड्रोन मिसाइल के तौर पर विकसित की गई थी।
  • बाद में इसे क्रूज मिसाइल में तब्दील किया गया।
  • यह लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है, जो 700 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को भेद सकती है।
  • इसकी लंबाई लगभग दो मीटर और वजन करीब 50 किलोग्राम है।

प्रमुख विशेषताएं और तकनीक

  1. गति और दूरी:
    • यह मिसाइल 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकती है।
    • दुश्मन के अंदरूनी इलाकों में घुसकर हमले की क्षमता रखती है।
  2. मार्गदर्शन प्रणाली:
    • इसमें GPS तकनीक और उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है।
    • मिसाइल लक्ष्य को सटीक निशाना बना सकती है।
  3. वारहेड क्षमता:
    • इसमें एक छोटा लेकिन शक्तिशाली वारहेड होता है, जो विभिन्न तरह के लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है।
  4. तेजी और सटीकता:
    • किसी सामान्य ड्रोन की तुलना में पेक्लो अधिक तेज और सटीक हमला कर सकती है।
  5. स्थानीय उत्पादन:
    • यह मिसाइल 70% तक यूक्रेनी घटकों से बनी है, जो इसे आत्मनिर्भरता के लिए एक अहम कदम बनाती है।

यूक्रेन की आवश्यकता और पेक्लो का महत्व

यूक्रेन के सुरक्षा बलों को ऐसी मिसाइलों की आवश्यकता थी, जो सीमा पार कर दुश्मन के अंदरूनी ठिकानों पर हमला कर सकें। पेक्लो मिसाइल विशेष रूप से इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर विकसित की गई है।

सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि पेक्लो अपनी उच्च गति और लंबी दूरी की क्षमता के कारण एक खतरनाक हथियार है। यह यूक्रेन को रूस के खिलाफ सामरिक बढ़त दिलाने में सक्षम है।

अगस्त 2023 में शुरू हुआ उत्पादन

पेक्लो मिसाइल का पहला प्रोटोटाइप अगस्त 2023 में तैयार किया गया था। तभी से यूक्रेन ने इसके उत्पादन में तेजी लाना शुरू कर दिया। वर्तमान में, युद्ध के बढ़ते दबाव और भविष्य की रणनीति को देखते हुए कीव ने पेक्लो मिसाइल को अपने सैन्य बेड़े का अहम हिस्सा बना लिया है।

रूस पर केमिकल हथियारों के इस्तेमाल का आरोप

यूक्रेन ने रूस पर केमिकल हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लगाए हैं। यूक्रेनी एजेंसी का दावा है कि बीते ढाई वर्षों में रूस ने 4,800 बार केमिकल हथियारों का इस्तेमाल किया है।

  • अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी मई में आरोप लगाया था कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ क्लोरोपिकरिन गैस का इस्तेमाल किया, जिसका उपयोग प्रथम विश्व युद्ध में भी हुआ था।
  • हालांकि, रूस इन आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है।