देशभर में पैंथर का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों में तेंदुए के हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। वन विभाग की टीमें भी तेंदुए के हमले का शिकार होती नजर आ रही हैं.
देशभर में तेंदुए के हमले से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। एक तरफ वन विभाग और लोग तेंदुओं को पकड़ने में नाकाम साबित हो रहे हैं. वहीं वन विभाग ने राज्य के शिकारियों की एक टीम बनाई है, जो अब तेंदुए को पकड़ने में वन विभाग की मदद करेगी. तेंदुए को पकड़ने की राजस्थान वन विभाग की सारी कोशिशें नाकाम हो रही हैं. इन असफल प्रयासों को देखते हुए वन विभाग की टीम ने एक नई टीम बनाई है जो अवैध शिकार में माहिर है. वन विभाग की टीम शिकारियों को चुन-चुनकर सूचीबद्ध कर रही है। ये शिकारी तेंदुओं को पकड़ने और उनका शिकार करने में वन विभाग की मदद करेंगे.
शिकारियों का एक विशेष दल उदयपुर पहुंचा
पिछले कुछ महीनों में राजस्थान में तेंदुए के हमले से 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. जयपुर से विशेष शिकारियों की टीम के साथ उदयपुर पहुंचे अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक वेंकटेश शर्मा पर तेंदुए के आतंक की घटनाओं से निपटने की जिम्मेदारी है. सीसीएफ (वन्यजीव) सीआरवी मूर्ति को शिकारियों की टीम का समन्वयक बनाया गया है। इससे पहले समन्वय की जिम्मेदारी सुनील चिद्री के पास थी.
गोगुंदा में 13 दिन में तेंदुए ने 7 लोगों की जान ले ली
तेंदुए की मौत पर संभावित विवाद को देखते हुए सेना ने अपने जवानों को वापस बुला लिया है. जयपुर से उदयपुर पहुंची विशेष शिकारियों की टीम ने गोगुंदा इलाके में तेंदुओं के खिलाफ मोर्चा बना लिया है. पिछले 13 दिनों में इस इलाके में तेंदुए 7 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं.