उदयपुर, 18 मई (हि.स.)। सामाजिक संस्था श्री महावीर युवा मंच संस्थान की ओर से स्पेशल एसी ट्रेन में 1008 यात्रियों का दल सम्मेद शिखर के लिए उदयपुर रेलवे स्टेशन से शनिवार सुबह रवाना हुआ। जो रविवार को सुबह अयोध्या पहुंचेगी जहां भगवान श्री रामलला के दर्शन करेंगे। यह ट्रेन यात्रियों को अयोध्या, काशी विश्वनाथ, श्री सम्मेद शिखर और उज्जैन महाकाल कोरिडोर का भ्रमण कराएगी।
मुख्य संयोजक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि रवानगी से पहले सिटी स्टेशन पर श्री महावीर युवा मंच संस्थान एवं सकल जैन समाज की ओर से सभी यात्रियों का तिलक लगा और माला व उपरणा पहनाकर स्वागत किया गया। स्टेशन पर बैंड के साथ यात्रियों को खुशी से रवाना किया गया। इस दौरान यात्रियों के परिवारजनों और उनके रिश्तेदारों ने आकर उनका फूल माला पहनाकर विदाई दी और अभिनंदन किया। ट्रेन में उदयपुर विधायक ताराचंद जैन भी यात्रा कर रहे।
सिटी स्टेशन पर यात्रियों को छोडने आए परिजनों ने भगवान महावीर के जयकारे लगाते हुए पूरा वातावरण महावीर मय कर दिया। वहीं पूरा सिटी स्टेशन भगवान महावीर के जयकारों से गूंज उठा। सिटी स्टेशन पर उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष शांतिलाल वेलावत, मावली के पूर्व विधायक धर्म नारायण जोशी, उदयपुर शहर भाजपा जिला अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, डिप्टी मेयर पारस सिंघवी, उदयपुर विकास प्राधिकरण के कमिश्नर राहुल जैन, आरएएस अधिकारी दीपक मेहता, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने सभी यात्रियों का अभिनंदन कर ट्रेन को रवाना किया।
यात्रा मुख्य संयोजक संजय भण्डारी एवं सह संयोजक श्याम नागोरी ने बताया कि सभी 1008 यात्री उदयपुर से रवाना होकर जैसे ही चंदेसरा स्टेशन पर पहुंचे तो वहां स्थानीय एवं चित्तौड़ के समजाजनों द्वारा स्वागत किया गया। इसमें अनिल सुराणा, तुषार सुराणा, शानू सुराणा, भूपेश फत्तावत, मोहित फत्तावत चित्तौड़गढ़ की ओर से सभी यात्रियों को प्रभावना वितरित की गई।
संस्थान के अध्यक्ष अशोक कोठारी व महामंत्री विजयलक्ष्मी गलूंडिया ने बताया कि सभी तीर्थों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया है जिसमें अयोध्या में केसरिया, काशी विश्वनाथ में गुलाबी (पिंक), श्री सम्मदे शिखर में श्वेत व उज्जैन महाकाल में नीलें रंग की ड्रेस पहनी जाएगी। सभी यात्रियों के गले में आईडी कार्ड तथा सिर पर सफेद टोपी पहनेंगे।
21 मई को श्री सम्मेद शिखर तीर्थ के सिद्धायतन बैंकेट हॉल में भक्ति संध्या व सम्मान समारोह का आयोजन असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के आतिथ्य में होगा। प्रत्येक कोच पर तीन-तीन प्रभारी बनाए गए हैं जो अपने-अपने कोच के यात्रियों की सम्पूर्ण व्यवस्था का दायित्व निभाएंगे। साथ ही सभी यात्रियों के ठहरने के लिए सभी स्थानों पर एसी रूम आरक्षित किए गए हैं।।
सुधीर चित्तौड़ा व भूपेन्द्र गजावत ने बताया कि सभी कोचों का नाम तीर्थंकर परम्परा के अनुसार रखा गया है। कोचों का नाम पार्श्वनाथ कोच, शांतिनाथ कोच, नेमिनाथ कोच, आदेश्वर कोच, धर्मनाथ कोच, कुंथुनाथ कोच, अनन्तनाथ कोच, वासुपूज्य कोच, अभिनन्दन कोच, अजितनाथ कोच, चन्द्रप्रभु कोच, महावीर कोच व संभवनाथ कोच है।