1. SFJ को गैरकानूनी संगठन घोषित करने का समर्थन
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनूप कुमार मेंदिरत्ता की अध्यक्षता वाले UAPA ट्रिब्यूनल ने केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) को गैरकानूनी संगठन घोषित किया है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि SFJ की गतिविधियां खालिस्तानी आतंकी संगठनों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े सबूतों के आधार पर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
2. SFJ पर गंभीर आरोप
- आतंकी संगठन से संबंध: SFJ का खालिस्तानी संगठनों जैसे बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स से संबंध पाया गया।
- युवाओं की कट्टरपंथी भर्ती: सोशल मीडिया और तस्करी नेटवर्क के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाना।
- धमकियां: प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जैसे शीर्ष नेताओं को जान से मारने की धमकी देना।
- राष्ट्रविरोधी गतिविधियां: भारतीय सेना के सिख जवानों को विद्रोह के लिए उकसाना, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना, और राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे G20 शिखर सम्मेलन को बाधित करने की कोशिश।
3. सोशल मीडिया और साइबर प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग
SFJ ने डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर अलगाववादी प्रचार फैलाया और राष्ट्रविरोधी वीडियो प्रसारित किए। इसमें भारतीय ध्वज जलाने और अन्य राष्ट्रविरोधी कृत्यों के लिए उकसाने वाले संदेश शामिल थे।
4. ट्रिब्यूनल का निर्णय
ट्रिब्यूनल ने माना कि SFJ की गतिविधियां भारतीय संविधान और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) का उल्लंघन करती हैं।
- सरकार ने 52 गवाहों, वीडियो और दस्तावेजों सहित ठोस सबूत प्रस्तुत किए।
- SFJ नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के बयानों को भी आधार बनाया गया।
- ट्रिब्यूनल ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा करार दिया।
5. सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) क्या है?
SFJ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो खालिस्तान आंदोलन का समर्थन करता है।
- उद्देश्य: पंजाब को भारत से अलग कर स्वतंत्र खालिस्तान राज्य बनाना।
- गतिविधियां: आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण, भारतीय सेना में विद्रोह को भड़काना, और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना।
- नेतृत्व: SFJ का नेतृत्व गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे भारत-विरोधी व्यक्तियों द्वारा किया जाता है।
- आरोप: ISI के साथ मिलकर आतंकवाद को पुनर्जीवित करने का प्रयास।