जीटीबी अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की दो दिन पुरानी हड़ताल खत्म

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नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल में भर्ती मरीज की गोली मारकर हुई हत्या के विरोध में चल रही रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल दो दिन बाद मंगलवार को खत्म हो गई। आज दिन भर हड़ताल चलने के बाद शाम को दिल्ली सरकार के विशेष स्वास्थ्य सचिव दानिश अशरफ व अस्पताल प्रशासन के साथ हुई बैठक में मांगों का आश्वासन मिलने के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों व नर्सिंग कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया।

जीटीबी अस्पताल में हड़ताल खत्म की पुष्टि रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉक्टर रजत शर्मा ने की है। उन्होंने बताया कि बैठक में डॉक्टरों की मांगों को लेकर आश्वासन दिया गया। तीमारदारों का कार्ड बनाने को लेकर सख्ती, सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने, इमरजेंसी क्षेत्रों में हथियार वाले सुरक्षा गार्ड, पुलिस की पेट्रोलिंग, जीटीबी की चिकित्सा निदेशक का प्रतिदिन पूरे अस्पताल में दौरा, प्रत्येक विभाग के प्रभारी का दौरा समेत सभी मांगों का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल को खत्म कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बुधवार को मोहर्रम की छुट्टी रहेगी। गुरुवार से सामान्य दिनों की तरह ओपीडी व वार्ड और सर्जरी ओटी में सेवायें शुरू हो जाएंगी। उन्होंने यह भी बताया कि कल यानी बुधवार को छुट्टी के दिन इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी।

दरअसल, रविवार को कानून-व्यवस्था का मखौल उड़ाते हुए बदमाशों ने जीटीबी अस्पताल के सर्जरी वार्ड में घुसकर दिनदहाड़े मरीज रियाजुद्दीन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। चार की संख्या में पहुंचे बदमाशों ने करीब पांच राउंड गोलियां चलाईं। मरीज के साथ मौजूद नर्स और उसकी बहन पर भी बदमाशों ने दो राउंड गोलियां चलाईं थी। उक्त मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

ये थीं डॉक्टरों की मांगें

-सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सुरक्षा प्रणालियां।

-प्रवेश बिंदुओं पर पर्याप्त संख्या में सशस्त्र गार्ड।

-सभी प्रवेश बिंदुओं पर मेटल डिटेक्टर गेट और सभी प्रवेश द्वारों पर हाथ से पकड़े जाने वाले मेटल डिटेक्टर उपकरण।

-अस्पताल परिसर में कानून एवं व्यवस्था का समुचित कार्य सुनिश्चित करना।

-वॉकी-टॉकी सहित उचित संचार उपकरणों के साथ त्वरित प्रतिक्रिया के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में बाउंसरों के साथ उचित सुरक्षा टीमों की तैनाती। (प्रत्येक वार्ड में कम से कम 2 गार्ड)

-सुरक्षा संबंधी आपात स्थिति के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन जो किसी भी शिकायत और मुद्दे पर कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है (24×7)।

-रैपिड रिस्पांस टीम में प्रभारी कांस्टेबल, एसएचओ जीटीबी एन्क्लेव, एमओआईसी सुरक्षा, सुरक्षा पर्यवेक्षक/मालिक और एमडी जीटीबी शामिल हों।

-सभी संवेदनशील क्षेत्रों में उचित आपातकालीन निकास प्रणाली।

-ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ पूरे अस्पताल का उचित और प्रभावी सीसीटीवी कवरेज।

-उचित देखभाल और परिवहन के लिए उचित संख्या में कर्मचारियों (नर्सिंग अर्दली) की भर्ती।

-प्रत्येक आपातकालीन क्षेत्रों में परिचारकों के लिए पर्याप्त बैठने की व्यवस्था के साथ उचित प्रतीक्षा क्षेत्र।

-केवल गेट पास से मरीज के रिश्तेदारों के प्रवेश को सख्ती से लागू करना।

-आपातकालीन क्षेत्रों में अलग विभागीय ट्रॉली प्रणाली के बजाय केंद्रीकृत रोगी ट्रॉली प्रणाली। (न्यूनतम 100 ट्रॉली और 50 व्हीलचेयर)

-यह सुनिश्चित करना कि वार्ड के गेट उचित कार्य के साथ लॉक किए जा सकें।

-एमडी जीटीबीएच और एमओआईसी सुरक्षा प्रभारी का नियमित अस्पताल दौरा।

-सभी वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों, पीजी रेजिडेंट्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मचारी को हड़ताल के दिनों में पूर्ण उपस्थिति।