अजा एकादशी पर एक साथ दो शुभ योग बन रहे हैं, रवि पुष्य योग-सर्वार्थ सिद्धि योग

कृष्ण जन्माष्टमी के दो दिन बाद रविवार को अजा एकादशी है। श्रावण मास में रविवार होने के कारण इस दिन सूर्य के साकार स्वरूप की पूजा की जायेगी। इसके अलावा एकादशी के कारण भगवान विष्णु की पूजा और व्रत भी किया जाएगा। जिससे यह दिन बेहद शुभ रहेगा। इस साल अजा एकादशी के दिन रवि पुष्य समेत 2 शुभ योग बन रहे हैं।

अजा एकादशी व्रत कब किया जाएगा?

10 सितंबर, रविवार को उदयातिथि के कारण अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। उस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाएगी और अजा एकादशी व्रत कथा सुनी जाएगी।

-एकादशी पर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करें

इस एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। यदि इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाए तो जाने-अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। जिसका उल्लेख महाभारत और विष्णु धर्मोत्तर पुराण में मिलता है।

अजा एकादशी 2023 पूजा मुहूर्त कब है?

अजा एकादशी व्रत पूजा मुहूर्त सुबह 07:37 बजे शुरू होता है। जो लोग इस दिन व्रत रखेंगे वे सुबह 07:37 बजे से दोपहर 12:18 बजे के बीच किसी भी समय अजा एकादशी की पूजा कर सकते हैं। इस समय लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 09:11 बजे से 10:44 बजे तक है और अमृत-सर्वत्तम मुहूर्त सुबह 10:44 बजे से 12:18 बजे तक है।

अजा एकादशी 2023 रवि पुष्य समेत 2 शुभ योग में

इस साल अजा एकादशी के दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं। शाम 05:06 बजे से अगले दिन सुबह 06:04 बजे तक रवि पुष्य योग बन रहा है. जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग 10 सितंबर को शाम 05:06 बजे से 11 सितंबर को सुबह 06:04 बजे तक है. ये दोनों ही योग कार्यों के लिए शुभ माने गए हैं।

रविवार को सूर्य पूजा

श्रावण मास के रविवार को सूर्य पूजा विशेष शुभ होती है। क्योंकि इस समय सूर्य अपनी ही राशि में होता है। सूर्य स्वराशि में होने से इस योग में सूर्य को अर्घ्य देने से आयु में वृद्धि होती है। इस दिन शुद्ध सूर्य की पूजा करने से रोग भी दूर होते हैं। पुराण कहते हैं कि इस रूप में सूर्य आरोग्य और शक्ति प्रदान करते हैं।