पंचक में पड़ रहा है तुलसी विवाह, जानें पूजा की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और सबसे आसान विधि

Post

News India Live, Digital Desk: हर साल देवउठनी एकादशी के दिन घर-घर में तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह रचाया जाता है। यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि इसी दिन से भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और सारे मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। लेकिन साल 2025 में तुलसी विवाह की तारीख को लेकर लोगों के मन में थोड़ी दुविधा है, क्योंकि इस बार देवउठनी एकादशी के दिन पंचक लग रहा है।

क्या पंचक में कर सकते हैं तुलसी विवाह?

यह सवाल कई लोगों के मन में है। तो आपको बता दें कि चिंता की कोई बात नहीं है। ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि पंचक के दौरान पूजा-पाठ या किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान पर कोई रोक नहीं होती है। इसलिए आप बिना किसी संशय के तुलसी विवाह का उत्सव मना सकते हैं।

तुलसी विवाह 2025 की सही तारीख और शुभ मुहूर्त

साल 2025 में कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी तिथि 2 नवंबर, रविवार को पड़ रही है।

  • एकादशी तिथि की शुरुआत: 2 नवंबर 2025 को देर रात 1 बजकर 08 मिनट से
  • एकादशी तिथि का समापन: 3 नवंबर 2025 को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर

पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को शाम के समय 5 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस शुभ घड़ी में आप तुलसी जी का विवाह संपन्न करा सकते हैं।

घर पर कैसे करें तुलसी विवाह? (सबसे सरल विधि)

तुलसी विवाह कोई बहुत कठिन पूजा नहीं है। इसे आप घर पर बहुत ही आसानी से और पूरी श्रद्धा के साथ कर सकते हैं। आइए, इसकी सबसे सरल विधि जानते हैं:

  1. मंडप सजाएं: सबसे पहले पूजा वाली जगह पर गन्ने का इस्तेमाल करके एक छोटा सा मंडप तैयार करें।
  2. तुलसी और शालिग्राम को स्थापित करें: एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर तुलसी जी और शालिग्राम भगवान को स्थापित करें। ध्यान रहे कि शालिग्राम, भगवान विष्णु का ही स्वरूप हैं।
  3. श्रृंगार का सामान अर्पित करें: अब तुलसी माता को एक लाल चुनरी ओढ़ाएं और उन्हें चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, सिंदूर जैसे सुहाग के सभी सामान एक-एक करके अर्पित करें।
  4. विवाह की रस्में: अब शालिग्राम भगवान को चौकी समेत हाथ में उठाकर तुलसी जी की सात बार परिक्रमा कराएं। यह ठीक उसी तरह है जैसे विवाह में दूल्हा-दुल्हन सात फेरे लेते हैं।
  5. आरती और प्रसाद: परिक्रमा पूरी होने के बाद भगवान विष्णु और तुलसी माता की आरती करें और वहां मौजूद सभी लोगों में प्रसाद बांटें।

माना जाता है कि जिन लोगों के घर कन्या नहीं है, वे अगर तुलसी विवाह कराएं तो उन्हें कन्यादान जैसा महापुण्य प्राप्त होता है। यह पूजा घर में सुख-समृद्धि लाती है और वैवाहिक जीवन की समस्याओं को भी दूर करती है।

--Advertisement--