अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव अब युद्ध की धमकियों तक पहुंच चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद चीन ने अमेरिका को हर तरह के युद्ध के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी।
इसके जवाब में अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है।
कैसे बढ़ा अमेरिका-चीन का विवाद?
डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर टैरिफ को दोगुना कर 20% कर दिया।
चीन ने जवाबी हमला करते हुए अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 10-15% टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया।
चीन ने 25 अमेरिकी कंपनियों पर अपने बाजार में निवेश और एक्सपोर्ट करने से रोक लगा दी।
इस बीच, चीन ने अमेरिका को खुलेआम युद्ध की धमकी दे डाली।
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चीन के दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा—
“अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहे वह व्यापार युद्ध हो, टैरिफ युद्ध हो या सैन्य युद्ध, हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं।”
अमेरिका का जवाब: “हम तैयार हैं!”
चीन की इस धमकी का अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सीधा जवाब दिया—
“हम तैयार हैं। जो लोग शांति चाहते हैं, उन्हें युद्ध के लिए भी तैयार रहना चाहिए।”
हेगसेथ ने कहा कि संघर्ष को रोकने के लिए सैन्य ताकत जरूरी है।
ट्रंप प्रशासन अमेरिकी सेना को फिर से मजबूत कर रहा है, ताकि चीन के किसी भी संभावित हमले का मुकाबला किया जा सके।
उन्होंने कहा कि चीन सैन्य ताकत बढ़ाकर अमेरिका को पीछे करना चाहता है, लेकिन अमेरिका ऐसा नहीं होने देगा।
फेंटेनाइल मुद्दे पर भी आमने-सामने अमेरिका और चीन
फेंटेनाइल एक बेहद खतरनाक ड्रग है, जिससे अमेरिका में हजारों नागरिकों की मौत हो रही है।
ट्रंप प्रशासन ने इस ड्रग की तस्करी के लिए चीन, मैक्सिको और कनाडा को जिम्मेदार ठहराया है।
चीन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और अमेरिका पर ही इस समस्या का दोष मढ़ दिया।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा—
“फेंटेनाइल संकट के लिए अमेरिका खुद जिम्मेदार है। ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे को टैरिफ बढ़ाने का बहाना बना रहा है।”
इसके बाद चीनी दूतावास ने फिर दोहराया कि चीन हर तरह के युद्ध के लिए तैयार है।
क्या अमेरिका-चीन युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?
ट्रंप ने चीन पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए टैरिफ बढ़ाया, जिससे तनाव और बढ़ गया।
चीन ने जवाब में अमेरिका पर भी व्यापारिक पाबंदियां लगा दीं।
दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव भी बढ़ता जा रहा है।
क्या इस विवाद से कोई बड़ा युद्ध हो सकता है? या यह सिर्फ एक व्यापारिक रणनीति है?
अब देखना होगा कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता यह टकराव किस दिशा में जाता है।