अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तान की सराहना की थी, जब इस्लामाबाद ने एक आतंकवादी को पकड़वाने में मदद की। लेकिन अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के लिए बुरी खबर हो सकती है, क्योंकि ट्रंप जल्द ही एक ऐसा फैसला लेने वाले हैं, जिससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप एक नए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने की तैयारी में हैं, जिससे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लोगों के लिए अमेरिका आने पर रोक लग सकती है। ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के पीछे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया है।
क्या है ट्रंप का नया आदेश?
सूत्रों के अनुसार, जनवरी में एक कार्यकारी आदेश जारी किया गया, जिसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अलावा कुछ अन्य देशों को भी शामिल किया जा सकता है। ट्रंप ने इससे पहले भी अपने पहले कार्यकाल में सात मुस्लिम-बहुल देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया था।
2018 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस नीति को बरकरार रखा था, लेकिन 2021 में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन प्रतिबंधों को हटा दिया था। उन्होंने इसे “राष्ट्रीय विवेक पर एक धब्बा” करार दिया था।
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अब ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनने की दौड़ में हैं, और उन्होंने संकेत दिया है कि वे इस नीति को दोबारा लागू कर सकते हैं।
किन देशों पर लग सकता है प्रतिबंध?
ट्रंप ने 12 मार्च तक उन देशों की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिनसे यात्रा आंशिक रूप से या पूरी तरह से निलंबित की जानी चाहिए।
ट्रंप पहले भी अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़े फैसलों के लिए चर्चा में रहे हैं। अक्टूबर 2023 में अपने चुनावी अभियान के दौरान उन्होंने कहा था कि गाजा पट्टी, लीबिया, सोमालिया, सीरिया और यमन के नागरिक अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
यदि यह प्रतिबंध लागू होता है, तो यह उन हजारों अफगान नागरिकों को प्रभावित कर सकता है, जिन्हें शरणार्थी के रूप में या विशेष प्रवासी वीजा पर अमेरिका में बसने की मंजूरी दी गई थी।
क्या हो सकते हैं इसके परिणाम?
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए अमेरिका में प्रवेश मुश्किल हो जाएगा।
- जो लोग पहले से अमेरिका में रह रहे हैं, उनके लिए वीजा नवीनीकरण और नागरिकता प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
- अफगान शरणार्थियों का पुनर्वास प्रभावित हो सकता है।
- अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
ट्रंप का यह संभावित फैसला आने वाले चुनावों में भी बड़ी राजनीतिक बहस का मुद्दा बन सकता है।