Trump's Foreign Policy : SCO की इस तस्वीर ने अमेरिका में मचा दी खलबली: क्या ट्रंप की वजह से अकेला पड़ रहा है अमेरिका?

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News India Live, Digital Desk: Trump's Foreign Policy : जब दुश्मन का दुश्मन दोस्त बन जाए, तो सोचना पड़ता है कि गलती किसकी है. कुछ ऐसा ही इस वक्त अमेरिकी मीडिया में डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति को लेकर कहा जा रहा है. हाल ही में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में जिस तरह भारत, चीन और रूस ने एकजुटता दिखाई, उसका जिम्मेदार अमेरिकी मीडिया काफी हद तक राष्ट्रपति ट्रंप की आक्रामक नीतियों को मान रहा है.

SCO सम्मेलन में ऐसा क्या हुआ?

SCO एक ऐसा संगठन है जिसमें चीन और रूस का दबदबा माना जाता है और भारत भी इसका एक अहम सदस्य है. इस संगठन को अक्सर पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका के विरोध में बने एक गुट के तौर पर देखा जाता है. हालिया शिखर सम्मेलन में इन देशों के नेताओं ने आपसी सहयोग बढ़ाने और एकतरफा अमेरिकी प्रतिबंधों का मिलकर सामना करने की बातें कहीं. भारत ने भी, अमेरिका के दबाव के बावजूद, रूस के साथ अपनी पुरानी दोस्ती को निभाने का संकल्प दोहराया.

अमेरिकी मीडिया ट्रंप को क्यों दोष दे रहा है?

'न्यूयॉर्क टाइम्स' और 'वॉशिंगटन पोस्ट' जैसे अमेरिका के बड़े मीडिया संस्थानों का मानना है कि ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" (America First) की नीति असल में "अमेरिका अकेला" (America Alone) की नीति बनती जा रही है. उनका तर्क है:

  1. सब पर एक साथ हमला: ट्रंप ने सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि भारत जैसे दोस्त देशों पर भी भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगा दिए. उन्होंने भारत को रूस से तेल और हथियार न खरीदने की धमकी भी दी. इस एकतरफा दबाव ने इन देशों को एक-दूसरे के और करीब आने पर मजबूर कर दिया.
  2. दोस्तों को नाराज़ करना: मीडिया का कहना है कि ट्रंप अपने दोस्तों और दुश्मनों में फर्क करना भूल गए हैं. भारत, जो एशिया में अमेरिका का एक मज़बूत और भरोसेमंद साथी हो सकता था, उसे भी ट्रंप ने अपनी व्यापारिक लड़ाई में घसीट लिया. इससे भारत के पास रूस और चीन के साथ खड़े होने के अलावा ज़्यादा विकल्प नहीं बचे.
  3. चीन को मिला मौका: ट्रंप की नीतियों ने अनजाने में चीन को एक बड़ा मौका दे दिया है. अमेरिका जब अपने ही दोस्तों को निशाना बना रहा है, तो चीन इन देशों को अपनी तरफ खींच रहा है और एक नए वर्ल्ड लीडर के तौर पर खुद को पेश कर रहा है. SCO की यह एकजुटता इसी का एक बड़ा उदाहरण है.

"ट्रंप ने इन देशों को एक साझा दुश्मन दे दिया है"

अमेरिकी विशेषज्ञों का मानना है कि भारत, चीन और रूस के बीच कई मुद्दों पर गहरे मतभेद हैं, लेकिन ट्रंप के अड़ियल रवैये ने इन सभी को एक साझा मंच और एक साझा दुश्मन दे दिया है, और वो है- अमेरिका. जब अमेरिका ही अपने दोस्तों पर दबाव बनाएगा, तो ज़ाहिर है, वे अपनी सुरक्षा और हितों के लिए दूसरे विकल्प तलाशेंगे.

संक्षेप में, अमेरिकी मीडिया का यह मानना है कि SCO में जो एकजुटता दिख रही है, वो इन देशों के आपसी प्यार की वजह से उतनी नहीं है, जितनी ट्रंप की विदेश नीति की विफलताओं की वजह से है. ट्रंप ने अनजाने में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों को ही एक साथ आने की एक मज़बूत वजह दे दी है.

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