फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन यूक्रेन को लेकर उनकी असहमति साफ नजर आई। बातचीत के दौरान ट्रंप ने यूरोपीय देशों पर यूक्रेन की सैन्य सहायता के बदले पैसा वापस लेने का आरोप लगाया, जिस पर मैक्रों ने बीच में ही उन्हें टोकते हुए करेक्ट किया।
मैक्रों ने बीच में रोका, ट्रंप चुप रहे
जब ट्रंप ने यह दावा किया कि यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को पहले सैन्य सहायता दी और अब बदले में पैसा वसूल रहे हैं, तो मैक्रों ने तुरंत उन्हें रोकते हुए कहा,
“मैं आपको करेक्ट करता हूं। यूरोप ने यूक्रेन को पैसा दिया था और अब वही पैसा वापस ले रहा है।”
इस दौरान ट्रंप कुछ सेकंड तक चुप रहे और सहमति में सिर हिलाया। उनके हावभाव देखने लायक थे, और यही वजह है कि इस पूरे वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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मैक्रों ने ट्रंप को समझाया यूरोप का रुख
मैक्रों ने ट्रंप की बांह पकड़ते हुए कहा,
“स्पष्ट रूप से कहूं तो हमने कुल खर्च का 60% हिस्सा वहन किया। यह लोन या गारंटी के रूप में था। हमारे पास यूरोप में रूस की 230 अरब डॉलर की संपत्ति फ्रीज की गई है, लेकिन यह किसी लोन की भरपाई के लिए नहीं है। यह रूसी संपत्ति है, जो हमसे संबंधित नहीं है। इसलिए इसे फ्रीज किया गया है।”
मैक्रों ने आगे कहा कि रूस को ही इस रकम को चुकाना होगा। जब अंत में रूस से बातचीत होगी, तो यूरोप यह मांग करेगा कि वह लोन की पूरी रकम वापस करे।
ट्रंप की चिंता: अमेरिका को पैसा वापस क्यों नहीं मिल रहा?
ट्रंप ने मैक्रों की इस बात को सुनकर जवाब दिया,
“यदि आप ऐसा कह रहे हैं, तो सही है। लेकिन मेरी चिंता यह है कि उन देशों को उनका पैसा तो वापस मिल रहा है, लेकिन अमेरिका को उसकी पूंजी नहीं मिल रही।”
ट्रंप प्रशासन इस समय यूक्रेन के साथ मिनरल्स (खनिज संसाधनों) को लेकर एक रेवेन्यू शेयरिंग एग्रीमेंट पर बातचीत कर रहा है। इसका मकसद यूक्रेन को दी गई अमेरिकी आर्थिक सहायता का कुछ हिस्सा वापस पाना है।
यूक्रेन-अमेरिका डील के करीब
अमेरिका ने रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को 180 अरब डॉलर की सैन्य सहायता दी थी। अब ट्रंप प्रशासन की कोशिश है कि यूक्रेन के मिनरल्स और अन्य संसाधनों के जरिए इस रकम का कुछ हिस्सा रिकवर किया जाए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी इस डील की पुष्टि करते हुए कहा,
“हम अमेरिका के साथ इस समझौते के बेहद करीब हैं।”