अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए नए टैरिफ का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है। यह केवल शुरुआत है, और आने वाले समय में इससे जुड़ी कई और घोषणाएं हो सकती हैं। उनके ताजा ऐलान के अनुसार, अब ऑटोमोबाइल्स पर नया टैरिफ लागू होगा, जो 2 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा।
एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करने के दौरान ट्रंप ने इस संभावित तारीख की घोषणा की। राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार 20 जनवरी को शपथ ग्रहण करने के बाद से ही वह लगातार टैरिफ से जुड़े नए फैसले ले रहे हैं।
नए टैरिफ की प्रमुख घोषणाएं
- चीन से अमेरिका आने वाले सभी सामानों पर पहले ही 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा चुका है।
- मेक्सिको से आयातित माल और कनाडा से गैर-ऊर्जा आयातों पर 25% टैरिफ की घोषणा की गई थी, लेकिन इसे एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया।
- अमेरिका में आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर 25% टैरिफ 12 मार्च से लागू किया जाएगा।
- ट्रंप ने ऐसे सभी देशों पर रिसिप्रोकल (पारस्परिक) टैरिफ लगाने की योजना का निर्देश दिया है, जो अमेरिकी सामान पर टैक्स लगाते हैं।
ट्रंप के नए टैरिफ के पीछे तर्क
ट्रंप का कहना है कि इन टैरिफ नीतियों से:
- विदेशों में अमेरिकी सामान को समान अवसर मिलेंगे।
- गिरते अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग बेस को नई ताकत मिलेगी।
हालांकि, उनके इस फैसले से अमेरिका के पुराने सहयोगी देशों में असंतोष बढ़ रहा है। उपभोक्ताओं और अर्थशास्त्रियों को भी महंगाई में उछाल आने की चिंता सताने लगी है।
अमेरिकी ऑटोमोटिव एक्सपोर्ट और अनुचित व्यापार व्यवहार
ट्रंप लंबे समय से यह मानते आए हैं कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी ऑटोमोटिव एक्सपोर्ट के साथ अनुचित व्यवहार किया जाता है।
- उदाहरण के लिए, यूरोपीय संघ अमेरिका से आने वाले वाहनों पर 10% टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका केवल 2.5% टैरिफ वसूलता है। यह अंतर 4 गुना अधिक है।
- हालांकि, अमेरिका इंपोर्टेड पिकअप ट्रकों पर 25% टैरिफ लगाता है, जिससे इस क्षेत्र में अमेरिकी कंपनियों को फायदा मिलता है।
ऑटो डेटा कलेक्टर वार्ड्स इंटेलिजेंस के अनुसार, पिछले साल अमेरिका में बेचे गए नए वाहनों में से लगभग 25% आयातित थे। इस आंकड़े में अमेरिका, कनाडा या मैक्सिको में निर्मित वाहनों को शामिल नहीं किया गया है।